बसपा में नहीं थम रहा असंतोष, फूल बाबू की वापसी पर दर्जनों नेताओं ने छोड़ी पार्टी

पार्टी नेताओं का आरोप है कि पार्टी में फिर शामिल किये गये फूल बाबू दलित विरोधी नेता हैं। उन्होंने दलितों पर कई बार जानलेवा हमले कराए हैं। इनमें दलित बस्ती मोहल्ला दुर्गा प्रसाद, चुर्रासकतपुर और खरगपुर आदि हैं।

Update: 2017-05-20 18:15 GMT

लखनऊ: विधानसभा चुनाव के समय से ही बसपा में उठापटक जारी है। हाल ही में पार्टी मुखिया मायावती के किचेन कैबिनेट के नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उसके तुरंत बाद पूर्व मंत्री अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू की पार्टी में वापसी हुई। इसका साइड इफेक्ट यह हुआ कि पीलीभीत के जिला कार्यकारिणी के सदस्यों ने इस पर ऐतराज जताते हुए पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

पार्टी नेताओं का दर्द

पार्टी नेताओं का आरोप है कि पार्टी में फिर शामिल किये गये फूल बाबू दलित विरोधी नेता हैं। उन्होंने दलितों पर कई बार जानलेवा हमले कराए हैं। इनमें दलित बस्ती मोहल्ला दुर्गा प्रसाद, चुर्रासकतपुर और खरगपुर आदि हैं।

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इसके अलावा जिले के कई कद्दावर मुस्लिम नेताओं को फर्जी मुकदमों में जेल​ भिजवाया है। मंत्री रहते हुए पूरे जिले में दलितों व मुस्लिमों का उत्पीड़न किया है।

और इन्ही तमाम आरोपों के चलते उन्हें पहले भी दो बार पार्टी से निकाला जा चुका है। इसलिए लोग इनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अपने पदों से सैकड़ों की संख्या में सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं।

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पदाधिकारियों का इस्तीफा

जिन पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है उनमें जरीन अंसारी, जिला उपाध्यक्ष, डा. सबीर अंसारी, विस कोषाध्यक्ष, चांद खां वारसी, नगर अध्यक्ष, पीलीभीत, संजय खां, नगर अध्यक्ष, पूरनपुर, आफाक मंसूरी, पूर्व विधानसभा महासचिव, अमजद हुसैन पप्पू, पूर्व प्रत्याशी पीलीभीत, जाहिद हुसैन मलिक, वरिष्ठ नेता, मेहरबान उस्मानी, पूर्व सेक्टर अध्यक्ष और माजिद मलिक, पूर्व प्रधान आदि

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