मौलाना आमिर रशीदी ने कहा- पहले चरण में ही निकल गई कांग्रेस-सपा गठबंधन की हवा

मौलाना आमिर रशीदी ने कहा सपा सरकार कहती है कि हमने सारे वादे पूरे किए, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए। हमने 8 तारीख को बसपा को सपोर्ट की बात कही थी।

Update: 2017-02-14 10:28 GMT

लखनऊः राष्ट्रीय ऊलेमा काउंसिल के मौलाना आमिर रशीदी ने कहा कि पहले चरण में कांग्रेस-सपा गठबंधन की हवा निकल गई है। पश्चिम में मुस्लिमों ने बसपा को वोट किया है। वहां बसपा 40 से 45 सीट जीत रही है। मुस्लिम समाज को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। हम अपने अधिकार को हासिल करने के लिए लड़ाई लड़ेंगे। हम अपनी ताकत के दम पर लड़ कर अपना हक़ लेंगे।

कुछ लोगों ने 70 सालों बनाया मूर्ख- रशीदी

मौलाना आमिर रशीदी ने कहा सपा सरकार कहती है कि हमने सारे वादे पूरे किए, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए। हमने 8 तारीख को बसपा को सपोर्ट की बात कही थी। हमने अपने सभी कैंडिडेट वापस ले लिया है। हमने पिछले सालो में लोगो के भीतर इंसाफ लेने की अलख जगाई है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग 70 साल से हमें मूर्ख बना रहे थे। उनको सबक सिखाने का वक्त आ गया है। पहले चरण की बात करें तो कांग्रेस की हवा ऊलेमा काउंसिल के निर्णय से ही निकल गई है। पश्चिम में लोगो ने जमकर बसपा को वोट किया है।

नेहरू ने छीना था मुस्लिमों का हक

8.4 प्रतिशत मुस्लिम समाज का ओबीसी में जो हिस्सा बनता है वह हमें नहीं मिला है। नेहरू ने साइमन कमीशन में जिन बिरादरियों का जिक्र किया था, उन्होंने 1950 में हिंदू लिखकर मुस्लिमों से हक छीन लिया था। आज पसमादा समाज ऊलेमा काउंसिल के साथ है। हम मंडल कमीशन के अनुसार पसमादा समाज को उनका 8.4 प्रतिशत हक दिलाकर रहेंगे।

सीएम अखिलेश ने नहीं दिया ध्यान- मौलाना

मौलाना ने कहा कुछ लोग मुस्लमानों की लड़ाई के नाम पर कब्रिस्तान की जमीनें कब्जा कर रहे हैं। बसपा सरकार बनने के बाद दरबार लगाने नहीं जाएंगे। हम अपना हक सरकार से लेंगे। गवर्नर रामनाईक ने सीएम से कहा था कि हमारी समस्याओ पर ध्यान दें, लेकिन अखिलेश यादव ने ध्यान नहीं दिया।

हम बसपा की सरकार बनवाएंगे- अकबर अंसारी

अकबर अंसारी प्रदेश अध्यक्ष पसमादा मुस्लिम कल्याण समिति ने कहा कि 2017 के इस चुनाव में हमने देखा कि 5 साल सरकार चलाने वालों को भी गठबंधन की जरूरत पड़ गई। हम लोग बीजेपी को हराने के लिए बसपा को वोट कर रहे हैं। हम बसपा की ही सरकार बनवाएंगे, क्योंकि सपा-कांग्रेस दोनों कमजोर हैं। राष्ट्रीय ऊलेमा काउंसिल पिछड़े मुस्लिम बिरादरियों के हक की लड़ाई लड़ रही है।

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