लखनऊ: शिया मुस्लिम धर्मगुरु और मजलिस-ए-उलमाए हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जव्वाद ने अमेरिकी नीतियों को इस्लाम विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों मक्का और मदीना के मॉडल पर अपने फौजियों को फायरिंग की प्रैक्टिस करवाता है। मौलाना कल्बे जव्वाद ने मौलाना सईद उर्र रहमा आजमी नदवी के उन लेखों का समर्थन किया जो अमेरिका विरोधी थे और इन तथ्यों का वर्णन करता हैं।
लखनऊ में हुई इजराइल और सऊदी अरब के अधिकारियों की सीक्रेट मीटिंग्स
- मौलाना ने आरोप लगाया कि इजराइल के मैप में मक्का, मदीना, कर्बला और नजफ जैसे पवित्र स्थानों है, उसके साथ सऊदी अरब की सीक्रेट मीटिंग्स हो रही हैं।
- उन्होंने दावा किया कि ऐसी ही एक बैठक लखनऊ में भी हुई है।
- उन्होंने मांग रखी कि इसकी निंदा होनी चाहिए।
- मौलाना ने सवाल उठाया, पवित्र स्थानों के दुश्मनों के साथ यह बैठकें क्यों हो रही हैं?
- उन्होंने कहा कि अब मुस्लिम उलेमा को इजराइल और सऊदी अरब के अपराध के खिलाफ भी लिखना चाहिए, ताकि इन दोनों देशों की हकीकत सामने आ सके।
मुसलमान शासक देख रहे हैं तमाशा
- मौलाना कल्बे सादिक ने कहा कि हदीसों में कहा गया है कि जुल्म ना करना और खास कर जिसका कोई मददगार न हो उसपर हरगिज नहीं।
- उन्होंने कहा कि जिसका कोई मददगार नहीं होता अल्लाह उसका मददगार होता है।
- जालिम की हिम्मत बढ़ाने को जुल्म बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों का भी हश्र वही होता है जो जालिम का होता है।
- मौलाना ने कहा कि हाकिम की जिम्मेदारी न केवल अत्याचार को रोकना है , बल्कि उसका कर्तव्य यह है कि न ही जुल्म करें और न किसी को अत्याचार करने दें।
-आज आज मुस्लिम शासकों के सामने गर्दनें काटी जा रही हैं, कमजोरों पर जुल्म किया जा रहा है।
- बेगुनाहों का कत्ल किया जाराहा है और कलेजे चाक किए जा रहे हैं
- मगर सब मुसलमान शासक तमाशा देख रहे है और ये लोग भी जालिम के सहायक हैं।
- आज भले ही अल्लाह उन्हें ढील दे रहा है मगर उनकी अपमानजनक हार निश्चित है।