बाबरी ध्वंसः कौन है सियासी दुश्मन, जिस पर आरोपित लगा रहे फंसाने के आरोप
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में खुद को फर्जी फंसाए जाने की बात कही है।
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में खुद को फर्जी फंसाए जाने की बात कही है। जोशी ने सीबीआई कोर्ट में दर्ज कराए गए अपने बयान में कहा कि वे पूरी तरह निर्दोष हैं और पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है। राजनीतिक कारणों से ही मुझे इस मामले में फंसाया गया है। इस बीच बाबरी विध्वंस मामले में शुक्रवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज किया जाएगा।
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सियासी दुश्मनी की वजह से फंसाया
दिल्ली में मौजूद जोशी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराया। विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव की कोर्ट में जोशी से कुल 1050 सवाल पूछे गए। अधिकांश सवालों के जवाब में जोशी ने खुद को बेगुनाह बताते हुए मामले को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि गलत और झूठे सबूत जुटाकर किसने मुझे आरोपी बनाया गया है। पूरा मुकदमा ही सियासी दुश्मनी की वजह से चलाया गया है। विवेचना में गलत खबरों को शामिल किया गया है। उन्होंने सही समय आने पर सफाई देने की बात भी कही।
फोटो और वीडियो कैसेट में छेड़छाड़
सीबीआई के कोर्ट में एक गवाह की तरफ से दी गई 26 जून 1991 की एक फोटो के बारे में भी जोशी से सवाल किया। इस फोटो में जोशी कल्याण सिंह व दूसरे नेताओं के साथ दिख रहे हैं। इस सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि फोटो पूरी तरह गलत है और फोटो के साथ कोई नेगेटिव कोर्ट में नहीं पेश किया गया है। साक्ष्य के रूप में पेश किए गए वीडियो कैसेट को भी फर्जी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि वे सही समय का इंतजार कर रहे हैं और अपने को निर्दोष साबित करने के लिए समय आने पर साक्ष्य पेश करेंगे।
आज दर्ज होगा आडवाणी का बयान
जोशी की पेशी के बाद शुक्रवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज किया जाएगा। आडवाणी की भी सीबीआई कोर्ट में वर्चुअल तरीके से पेशी होगी। सीबीआई ने आडवाणी के लिए एक हजार से ज्यादा सवाल तैयार किए हैं। उनका बयान सीआरपीसी 313 के तहत दर्ज किया जाएगा।
आडवाणी के बयान देने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को उनसे मुलाकात की थी। आडवाणी के निवास पर दोनों नेताओं के बीच यह बैठक करीब आधे घंटे चली थी। दोनों नेताओं की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
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अब तक 29 आरोपियों का बयान दर्ज
विवादित ढांचा विध्वंस प्रकरण में अब तक 41 में से 29 आरोपियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। आडवाणी के बाद 28 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सतीश प्रधान का बयान दर्ज किया जाएगा। इस मामले में अभी तक एक आरोपी ओमप्रकाश पांडे फरार घोषित हैं।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि परिसर में विवादित ढांचा गिराया गया था। इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेता अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
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