शरद पवार ने अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस पर किया अब तक सबसे बड़ा खुलासा

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अब एक और बड़ा खुलासा किया है। शरद पवार ने बताया कि उन्हें जानकारी थी कि उनकी पार्टी के नेता अजीत पवार पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में थे।

Update: 2019-12-04 11:42 GMT

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अब एक और बड़ा खुलासा किया है। शरद पवार ने बताया कि उन्हें जानकारी थी कि उनकी पार्टी के नेता अजीत पवार पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में थे। हालांकि उन्होंने अपने भतीजे के बीजेपी से हाथ मिलाने के 23 नवंबर को उठाए कदम को उनका निजी फैसला बताया था।

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इससे पहले पवार ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया था। एक न्यूज चैन को दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा कि मुझे पता था कि अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस बातचीत कर रहे थे, लेकिन ये अटकलें गलत हैं कि मुझे अजीत के उठाए राजनीतिक कदम के बारे में भी पता था।'

उन्होंने हिंदुत्व की पैरोकार शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में कभी नहीं सोचा था, हालांकि उन्होंने कहा कि हमारे लिए बीजेपी की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं था।' उन्होंने आगे कहा कि हमें पता था कि चुनावपूर्व गठबंधन के घटक दलों (शिवसेना-बीजेपी) में गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं और आपसी सहमति का सम्मान नहीं किया जा रहा था। शिवसेना नाखुश थी और हम घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे।

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हालांकि पवार ने यह नहीं बताया कि वह किस आपसी सहमति का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के लिए कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत की रफ्तार और सत्ता बंटवारे को लेकर संघर्ष से अजीत नाराज थे, लेकिन उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि अजीत उस तरह का कदम उठा लेंगे।

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शरद पवार ने कहा कि नेहरू सेंटर में मेरे और दिल्ली से आए कांग्रेस नेताओं के बीच कुछ मुद्दों पर गर्मा-गर्म बहस हो गई थी। एक पल के लिए मैंने सोचा कि मैं इस बातचीत में शामिल नहीं होउंगा और मुझे इस बातचीत में नहीं पड़ना चाहिए। अजीत पवार भी नाखुश थे और उन्होंने मेरे सहयोगियों से बात की कि काम कैसे करेंगे.. सत्ता के बंटवारे को लेकर खींचतान थी।

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