Leader Sushila Tiriya Biography: आदिवासी संगठनों से जुड़ कर ग्रामीण गरीब आदिवासियों एवं बेरोजगार युवाओं के उत्थान हेतु निरंतर सक्रिय रहती हैं सुशीला तिरिया

Congress Leader Sushila Tiriya Biography: सुशीला तिरिया का जन्म 6 फ़रवरी 1956 को कलुआखमन, मयूरभंज जिला, ओडिशा में हुआ था। सुशीला तिरिया एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं।;

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2025-02-06 20:36 IST

Odisha Famous Congress Leader Sushila Tiriya Biography in Hindi

Congress Leader Sushila Tiriya Biography: समाज सेवा और कमजोर वर्ग के उत्थान की भावना को लेकर निरंतर सक्रिय रहने वाली सुशीला तिरिया, एक सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की एक लोकप्रिय राजनेता हैं। ये राज्य सभा में ओडिशा का प्रतिनिधित्व करने वाली भारत की संसद की सदस्य थीं। ये वर्ष 1986 और फिर वर्ष 2006 में भारतीय संसद का ऊपरी सदन एवं लोकसभा में निचले सदन, 1994 में (10 वीं लोकसभा) और 1996 (11 वीं लोकसभा) में पुनः निर्वाचित हुईं।

सुशीला तिरिया की शिक्षा

सुशीला तिरिया का जन्म 6 फ़रवरी 1956 को कलुआखमन, मयूरभंज जिला, ओडिशा में हुआ था। सुशीला तिरिया एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं। उनके पिता श्री रूपनारायण तिरिया ने एक स्कूल खोला और आदिवासी समुदाय को शिक्षित करने में गहरी दिलचस्पी ली।उसने उत्कल विश्वविद्यालय से बी.ए. डिग्री प्राप्त किया था।

इस तरह शुरू हुआ राजनैतिक सफर

समाज सेवा के रास्ते सत्ता के गलियारों तक सफर तय करने वाली सुशीला तिरिया ने मात्र 24 वर्ष की आयु में, युवा कांग्रेस (प्) में शामिल हो गईं और 1983 और 1984 में मयूरभंज जिले, ओडिशा से इसकी अध्यक्ष और फिर उपाध्यक्ष बनीं। अपनी राजनीतिक धार को चमकाते हुए ये 1986 में, राज्यसभा के लिए चुनी गईं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1986-87 में परमाणु ऊर्जा और महासागर विकास मंत्रालय, 1987-88 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, और 1988-89 में संचार मंत्रालय में सलाहकार समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया। अपने इस सफर में इन्होंने 1987 से 1993 तक, उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में कार्य किया। वह सरकारी आश्वासनों (1988-89) और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण (1989-92) समितियों की बतौर सदस्य के तौर पर काम किया।1994 में, वह एसटी सीट के लिए दसवें लोकसभा चुनाव में लड़ीं और मयूरभंज से जीत गईं। उस अवधि के दौरान, उन्होंने 1994 से 1996 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वन और पर्यावरण मंत्रालय और खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय की सलाहकार समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया।

1995 से, उन्होंने 1996 में लोकसभा सदस्य के रूप में पुनः निर्वाचित होने के साथ, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया।

सामाजसेवा से है इनका गहरा जुड़ाव

समाज सेवा के रास्ते पर चलकर राजनीति में अपनी मजबूत पहचान कायम करने वाली सुशीला तिरिया की ग्रामीण गरीब आदिवासियों के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं के उत्थान में विशेष योगदान रहा है। वह आज भी इनके कल्याण के लिए आदिवासी संगठनों के साथ जुड़ी हुई है, ये संगठन’स्वयं विकास समिति’ और ग्रामीण युवा आदिवासी विकास संघ के नाम से संचालित किया जा रहा है। आदिवासी संघ के माध्यम से आदिवासी युवाओं को जिले में खेल के क्षेत्र में उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर साल जिला मयूरभंज, गांव कालूखामन में दो खेल कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।हर साल स्व-लिखित पटकथा पर आधारित आदिवासी नाटक का आयोजन करना, जिले में खेल के क्षेत्र में अपनी क्षमता में सुधार करने के लिए आदिवासी युवाओं को प्रोत्साहित करने में इनकी गहरी रुचि रही है। अपनी राजनैतिक यात्रा के दौरान इन्होंने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, जर्मनी, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और यूएसए जैसे कई देशों की यात्रा की है। इनकी गिनती कांग्रेस पार्टी की एक जमीनी राजनैतिज्ञ के तौर पर की जाती है। 

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