La Ganesan Iyer Biography: RSS के प्रचारक से लेकर विभिन्न राज्यों के राज्यपाल तक की यात्रा करने वाले बेहद जुझारू नेता माने जाते हैं ला गणेशन अय्यर
La Ganesan Iyer Kon Hai: ला गणेशन अय्यर ने आरएसएस के प्रचारक से लेकर विभिन्न राज्यों के राज्यपाल बनने तक की यात्रा तय की है। ला गणेशन अय्यर ने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।;
La Ganesan Iyer Wikipedia in Hindi: ला गणेशन अय्यर की राजनैतिक छवि एक समर्पित और अनुभवी नेता की है, जिन्होंने आरएसएस के प्रचारक से लेकर विभिन्न राज्यों के राज्यपाल तक की यात्रा की है। ला गणेशन अय्यर एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 20 फरवरी, 2023 से नागालैंड के 19वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। उनके पिछले कार्यकालों में 27 अगस्त, 2021 और 19 फरवरी? 2023 के बीच मणिपुर के 17वें राज्यपाल , 18 जुलाई, 2022 और 17 नवंबर, 2022 के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) शामिल हैं। इससे पहले, वे मध्य प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे। गणेशन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिग्गज हैं।
प्रारंभिक जीवन (La Ganesan Iyer Ka Jivan Parichay)
गणेशन का जन्म 16 फरवरी, 1945 को इलाकुमिरकावन और अलामेलु के घर एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। अपने पिता की कम उम्र में मृत्यु हो जाने के बाद वे अपने भाई के साथ बड़े हुए।ला गणेशन अय्यर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, माध्यमिक विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने राजस्व विभाग में राजस्व निपटान निरीक्षक के रूप में सरकारी नौकरी की।
हालांकि, राष्ट्र सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण, उन्होंने नौ वर्षों के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में कार्य करना शुरू किया। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होकर पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में सार्वजनिक जीवन में लौट आए।
राजनीतिक सफर (La Ganesan Iyer Political Career)
ला गणेशन अय्यर ने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्यता भी शामिल है। उनकी लोकप्रियता मुख्यतः दक्षिण भारत में अधिक है, विशेषकर तमिलनाडु में, जहां उन्होंने भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, उत्तर-पूर्वी राज्यों में राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति ने उन्हें उन क्षेत्रों में भी एक पहचान दिलाई है।
उनकी राजनीतिक पहचान और लोकप्रियता का आधार उनकी संगठनात्मक क्षमताओं, आरएसएस और भाजपा के प्रति उनकी दीर्घकालिक निष्ठा और विभिन्न राज्यों में राज्यपाल के रूप में उनकी सेवाओं पर आधारित है। हालांकि, ला गणेशन अय्यर की लोकप्रियता का प्रभाव क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर अधिक केंद्रित है। कुल मिलाकर, ला गणेशन अय्यर की राजनीतिक पहचान एक समर्पित संगठनकर्ता और प्रशासक के रूप में स्थापित है। उनकी लोकप्रियता विशेषकर उन क्षेत्रों में गहरी है जहां उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया है।
टीएन बीजेपी इकाई के महासचिव नियुक्त होने से पहले , वह आरएसएस में प्रचारक थे । वह इंदिरा गांधी सरकार के आपातकाल के दौरान पुलिस से बच निकले , जहां कांग्रेस सरकार के कई नागरिक और राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में लिया गया था, इस दौरान लगभग एक साल तक छिपकर रहे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय सचिव और भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। ला गणेशन अय्यर राज्यसभा में पूर्व सांसद हैं और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में सांसद के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला का स्थान लिया है ।
कई बार मिला राज्यपाल बनने का मौका (La Ganesan Iyer Governor Journey)
ला गणेशन अय्यर लंबे समय तक आरएसएस के सक्रिय सदस्य रहे और संगठन के विभिन्न स्तरों पर कार्य किया। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े और तमिलनाडु में पार्टी के संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी राजनीति में सक्रिय भागीदारी भाजपा के संगठनात्मक कार्यों से शुरू हुई, जहां उन्होंने पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष भी रहे, जिससे उन्हें राज्य में एक मजबूत राजनीतिक आधार मिला।
इसके बाद, वे भाजपा के वरिष्ठ नेता और रणनीतिकार के रूप में उभरे और पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित किया। इसके बाद, उन्हें मणिपुर और नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जिससे उनकी राजनीतिक भूमिका राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत हुई।
ला गणेशन की राजनीतिक शुरुआत मुख्य रूप से संगठनात्मक कार्यों और भाजपा के विस्तार में योगदान से हुई, जिसके कारण उन्हें पार्टी और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाने का अवसर मिला।
मणिपुर के राज्यपाल
22 अगस्त, 2021 को उन्हें भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा मणिपुर का 17वां राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने 27 अगस्त, 2021 को इंफाल के राजभवन के दरबार हॉल में मणिपुर के 17वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। समारोह में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह , मंत्री और विधायक की मौजूदगी में उन्हें मणिपुर उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश पीवी संजय कुमार ने पद की शपथ दिलाई।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार
18 जुलाई, 2022 को, जगदीप धनखड़ को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के बाद, गणेशन ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पद ग्रहण किया।
नागालैंड के राज्यपाल
20 फरवरी, 2023 को, उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नागालैंड का 19वां राज्यपाल नियुक्त किया गया। नागालैंड के राज्यपाल के रूप में, उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा किया और स्थानीय संगठनों और अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिससे उनकी सक्रियता और जनसंपर्क की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
उनकी राजनीतिक पहचान और लोकप्रियता का आधार उनकी संगठनात्मक क्षमताओं, आरएसएस और भाजपा के प्रति उनकी दीर्घकालिक निष्ठा और विभिन्न राज्यों में राज्यपाल के रूप में उनकी सेवाओं पर आधारित है। हालांकि, उनकी लोकप्रियता का प्रभाव क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर अधिक केंद्रित है।
हुए आलोचना का भी शिकार
तमिलनाडु के नेदुवासल गांव में हाइड्रोकार्बन के निष्कर्षण के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन पर गणेशन की टिप्पणी तब विवादास्पद हो गई जब उन्होंने कहा, “देश के कल्याण के लिए एक राज्य का बलिदान करने में कुछ भी गलत नहीं है।“ वहीं गणेशन को 2022 डूरंड कप के प्रेजेंटेशन समारोह के दौरान भारतीय फुटबॉलर सुनील छेत्री को फोटो सेशन से बाहर धकेलने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।