भारत-चीन विवाद पर नहीं टूटी पीएम मोदी की चुप्पी, कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह देश के लिए चिंता की बात है।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी अभी तक नहीं टूटी है। दोनों देशों के बीच पांच मई को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद की शुरुआत हुई थी मगर अभी तक पीएम मोदी की ओर से इस बाबत कुछ भी नहीं कहा गया है। कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह देश के लिए चिंता की बात है।
आठ घंटे बाद विदेश मंत्रालय का बयान
भारत और चीन के बीच एलओसी पर विवाद अब हिंसक मोड़ ले चुका है। शुरुआत में इस मामले में तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने की बात सामने आई थी मगर रात होते- होते कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर सामने आ गई। इस हिंसक झड़प में चीन के भी 43 सैनिकों के हताहत होने की बात सामने आई है।
इस घटना पर भारतीय सेना के पहले बयान के घंटे भर के अंदर ही चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा दिया मगर भारत के विदेश मंत्रालय को इस मामले में बयान देने में करीब आठ घंटे का समय लग गया। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से रात आठ बजे बयान जारी कर भारत की अखंडता और संप्रभुता को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।
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विवाद पर अभी तक कुछ नहीं बोले पीएम
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थित पैंगोंग झील के पास विवाद की शुरुआत इस साल 5 मई को हुई थी। नौ मई को सिक्किम में भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। 6 जून को दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत शुरू होने के बाद अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं मगर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। दोनों देशों के बीच विवाद को 40 से अधिक दिन बीत चुके हैं मगर अभी तक पीएम नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोले हैं। देश के 20 सैनिकों की शहादत की खबर आने के बाद भी उनकी ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
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विदेश मंत्री के ट्वीट में चीन का जिक्र नहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर इस पूरे मामले पर खामोशी बनाए हुए हैं। पांच मई को इस विवाद की शुरुआत के बाद उन्होंने इसे लेकर 75 से ज्यादा ट्वीट किए हैं मगर अपने किसी भी ट्वीट में उन्होंने चीन का जिक्र तक नहीं किया है। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे टकराव पर भी अपनी राय नहीं जाहिर की है।
विदेशी मामलों के जानकार हर्ष वी पंत का कहना है कि विदेश मंत्रालय को यह बताना चाहिए कि जब फायरिंग ही नहीं हुई तो हमारे सैनिक कैसे शहीद हो गए? उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसलिए हमारी सरकार को इस पूरे मामले में जनता के सामने अपना रुख जरूर स्पष्ट करना होगा।
चिदंबरम ने चुप्पी को चिंताजनक बताया
कांग्रेस ने इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री 5 मई से ही इस पूरे मामले पर चिंताजनक चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि क्या यह कल्पना की जा सकती है कि देश में विदेशी सैनिकों की घुसपैठ के इतने दिनों बाद भी सरकार के मुखिया ने इसे लेकर एक शब्द भी नहीं कहा।
उन्होंने कहा कि सैन्य व्हाट्सएप ग्रुप को शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए जिसकी वजह से मंगलवार को दोपहर में सैनिकों की शहादत की खबर सामने आ सकी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की ओर से इस बाबत जारी बयान में कोई भी नई बात नहीं कही गई।
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