हाथरस की बेटी के लिए प्रियंका पहुंची वाल्मीकि मंदिर, हाथरस कांड पर दिया ये बयान
कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी दिल्ली के पंचकुइयां रोड स्थित वाल्मीकि मंदिर में शुक्रवार की शाम कांग्रेस नेताओं के साथ पहुंची और प्रार्थना सभा में शिरकत की ।
नई दिल्ली: कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी पर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गांधी जयंती के दिन दिल्ली के वाल्मिक मंदिर में पहुंचगईं। हाथरस की बेटी के निधन पर आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होने के दौरान उन्होंने लोगों से कहा कि राजनीतिक दल होने के नाते वह अपना काम कर रहे हैं लेकिन सरकार पर इंसाफ के लिए दबाव बनाने के लिए जरूरी है कि सभी समाज और वर्ग के लोग आगे बढ़कर हाथरस की बेटी को न्याय दिलाएं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का रवैया इस मामले में शुरू से निराशाजनक रहा सरकार ने पीड़ित लड़की की कोई मदद नहीं की उल्टा परिवार के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
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प्रियंका गांधी वाल्मीकि मंदिर में कांग्रेस नेताओं के साथ पहुंची
कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी दिल्ली के पंचकुइयां रोड स्थित वाल्मीकि मंदिर में शुक्रवार की शाम कांग्रेस नेताओं के साथ पहुंची और प्रार्थना सभा में शिरकत की । इस वाल्मीकि मंदिर में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी भी 200 दिन तक रुके थे उन्होंने यहीं से आजादी की लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया था। उनकी जयंती के मौके पर वाल्मीकि मंदिर में हाथरस गैंगरेप पीड़िता की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। प्रार्थना सभा में लगभग आधे घंटे तक शामिल होने के बाद प्रियंका ने उपस्थित लोगों से कहा कि हाथरस गैंगरेप मामले में पहले जो भी उस लड़की के साथ किया गया। वह घोर अमानवीय था लेकिन बाद में भी उसको उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कोई मदद नहीं मिली ।
मैंने वहां जाने की कोशिश की क्योंकि उसका परिवार एकदम अकेला महसूस कर रहा होगा अपने आपको
हादसे के बाद मैंने वहां जाने की कोशिश की क्योंकि उसका परिवार एकदम अकेला महसूस कर रहा होगा अपने आपको। मैं आपके बीच इसलिए आई जब मैंने सुना कि यहां आपके समाज की ओर से उनके लिए प्रार्थना सभा रखी है। मैं इसलिए यहां आई थी कि आपको या उनके परिवार को कभी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वह अकेले हैं । जो उनके साथ हो रहा है उसके खिलाफ हम नहीं लड़ेंगे। हमने कल भी कहा और आज हम आप सब से आग्रह करते हैं कि अपनी आवाज उठाइए।
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मीडिया के मेरे भाई बहन यहां हैं। आप सब सरकार पर दबाव डालें। हम राजनीतिक दबाव डालेंगे और इस देश की एक -एक महिला व समाज के हर व्यक्ति को सरकार पर नैतिक दबाव डालना चाहिए कि हमारी बहन के साथ न्याय होना चाहिए । हमारे देश की यह परंपरा नहीं है कि उसके परिवार के उसके भाई उसके पिता ही उसकी चिता को जला नहीं पाए ।यह हमारी परंपरा नहीं है. जिन लोगों ने ऐसा करने से रोका है उनके खिलाफ हमें आवाज उठानी होगी। उन्होंने कहा कि दमनकारी सरकार को यह समझ जाना चाहिए कि उसकी लाठियों से डरने वाले नहीं हैं। बेटी के लिए हक लेकर रहेंगे। सरकार की जोर-जबर्दस्ती नहीं चलने देंगे क्योंकि यह देश संविधान और परंपराओं से ही चलेगा।
अखिलेश तिवारी
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