Rajya Sabha Election: BSP विधायकों की नाराजगी दूर होने से कांग्रेस में उत्साह, गहलोत बोले- बीजेपी गलतफहमी न पाले
Rajya Sabha Election 2022: BSP की नाराजगी दूर होने से कांग्रेस में उत्साह का माहौल है।
Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले बसपा विधायकों की नाराजगी दूर होने से कांग्रेस खेमे में उत्साह का माहौल बना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन विधायकों से बातचीत करके उनकी नाराजगी दूर करने में कामयाबी हासिल की है। बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले इन छह विधायकों की नाराजगी कांग्रेस के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई थी मगर मुख्यमंत्री गहलोत ने उनसे बातचीत करके विभिन्न मुद्दों पर उनकी मांगे पूरी करने का ठोस आश्वासन दिया है। यही कारण है कि गहलोत उनकी नाराजगी दूर करने में कामयाब रहे हैं।
गहलोत का कहना है कि बसपा विधायकों के वोट को लेकर भाजपा को किसी भी प्रकार की गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए। इन विधायकों ने कांग्रेस सरकार के संकट के समय हमारा साथ दिया था और अभी तक वे हमारे साथ बने हुए हैं। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के तीनों प्रत्याशियों के जीतने का बड़ा दावा भी कर डाला। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव को लेकर पार्टी पूरी तरह एकजुट है और प्रदेश में भाजपा के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने वाले हैं।
कांग्रेस को ही मिलेगा बसपा विधायकों का समर्थन
उदयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा कि मेरी सरकार पर संकट के सामने यह राज्यसभा चुनाव कुछ भी नहीं है। जब उस समय बसपा के विधायकों ने कांग्रेस सरकार का समर्थन किया था तो ऐसी स्थिति में मौजूदा हालात में उनके हमें छोड़कर कहीं और जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। गहलोत ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें ही हासिल हुई थीं। बाद में कुछ कांग्रेस विधायकों के बगावती तेवर से राजस्थान सरकार के अस्तित्व को लेकर सवाल उठने लगे थे मगर बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस सरकार का समर्थन किया था।
इन विधायकों के समर्थन का कारण यह था कि वे राज्य में स्थायित्व वाली सरकार चाहते थे। उन्होंने कहा कि संकट के दिनों में कांग्रेस का समर्थन करने वाले बसपा और निर्दलीय विधायकों से भाजपा को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले मगर वह कांग्रेस में सेंधमारी लगाने में कामयाब नहीं हो पाएगी।
बसपा विधायकों ने जताई थी नाराजगी
दरअसल बसपा के कुछ विधायकों ने हाल के दिनों में गहलोत सरकार के कामकाज के ढंग पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि कांग्रेस में आने पर उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल सका। इसके साथ ही विधायकों की कुछ मांगों पर भी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ध्यान नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री गहलोत ने इन विधायकों से बातचीत करके उनकी नाराजगी दूर कर ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य पूरी तरह एकजुट हैं और ऐसे में राजस्थान से कांग्रेस की तीनों सीटों पर जीत तय है।
वैसे मतदान से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भी राजस्थान के विधायकों से मिलने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी अपने स्तर से विधायकों की नाराजगी को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिशें
राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रमोद तिवारी का नाम पार्टी की सूची में तीसरे नंबर पर रखा गया है। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सुभाष चंद्रा के नामांकन के बाद भाजपा कांग्रेस विधायकों में सेंधमारी की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी का मानना है कि यदि कांग्रेस के कुछ विधायक टूट कर सुभाष चंद्रा का समर्थन करते हैं तो मुख्यमंत्री गहलोत को मुंह की खानी पड़ेगी
राजस्थान में कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को उदयपुर स्थित एक होटल में एकजुट कर रखा है। पार्टी का दावा है कि कांग्रेस के अधिकांश विधायक होटल में पहुंच गए हैं। दूसरी ओर भाजपा भी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करने वाली है। माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव को लेकर होने वाली भाजपा की बैठक के बाद पार्टी के विधायकों को होटल में पहुंचा दिया जाएगा। राजस्थान का राज्यसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है और अब यह देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने दावे पर कहां तक खरा उतर पाते हैं।