तिहाड़ जेल पहुंचे मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी, अब करेंगे ये काम
सीबीआई ने इन आरोपों की भी प्राथमिक जांच शुरू की है कि तमिलनाडु में एक होटल को पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के एक संबंधी ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के अधिकारियों की कथित मिली-भगत से हड़प लिया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तिहाड़ जेल पहुंच चुके हैं। आज सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाक़ात करने यहां पहुंचे हैं। बता दें, पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार हुए हैं। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के अलावा चिदंबरम के बेटे और कार्ति चिदंबरम भी तिहाड़ जेल पहुंचे हैं।
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जानिए पी चिदंबरम से जुड़े कानूनी विवादों के इतिहास के बारे में:
- पहली बार पिछले साल जुलाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस मामलों में अंतरिम राहत मिली थी। इसके बाद उनकी अंतरिम राहत की अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई।
- चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के नाम 19 जुलाई 2018 को सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र में शामिल थे।
- कांग्रेस सरकार-1 के दौरान वर्ष 2006 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे। इस दौरान उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी दी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई यह भी पता लगा रही है कि कैसे उन्होंने एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी दी।
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कार्ति चिदंबरम पर भी कई आरोप
- बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ भी कई आरोप हैं। घर में पी चिदंबरम अकेले नहीं हैं, जो कानूनी विवादों में फंसे हों।
- आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ संभावित जांच को रुकवाने के लिए 10 लाख डॉलर की मांग करने का आरोप भी कीर्ति के नाम है। इस वजह से उनको इस मामले में 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था।
- एयरसेल मैक्सिस मामले में धनशोधन के एक अलग मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय इस पहले ही चिदंबरम से इस मामले को लेकर पूछताछ कर चुकी है। फिलहाल, उनकी अग्रिम जमानत याचिका लंबित है।
एजेंसियां कर रही जांच
- 3,500 करोड़ रुपए के एयरसेल मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपए के आईएनएस मीडिया मामले की जांच एजेंसियां कर रही हैं। इन दोनों ही मामलों में चिदंबरम एजेंसियों के दायरे में हैं।
- UPA सरकार के पहले कार्यकाल में ही दोनों मामले हुए थे। दोनों ही उपक्रमों को एफआईपीबी से मंजूरी पहली सरकार में मिली थी, जब वित्त मंत्रालय चिदंबरम के पास था।
- 15 मई 2017 को सीबीआई द्वारा आईएनएक्स मीडिया मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगा था कि 2007 में तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ने 305 करोड़ रुपए की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड मंजूरी में अनियमितताएं बरती गईं। इस संबंध में 2018 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन का एक मामला दर्ज किया।
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चिदंबरम से मांगा था सहयोग
- एयर इंडिया से जुड़े एक खरीद मामले की जांच में भी प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम से सहयोग करने को कहा था। चिदंबरम के पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी प्रफुल्ल पटेल से भी ED ने इस मामले में पूछताछ की थी।
- सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। आरोप है कि नलिनी ने 1.4 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। कोलकाता हाइ कोर्ट ने इस साल फरवरी में नलिनी चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी।
- काला धन (अज्ञात विदेशी आय एवं परिसंपत्ति) और कर अधिनियम, 2015 के अधिरोपण के तहत मद्रास हाइ कोर्ट ने पी चिदंबरम, उनकी पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति, कार्ति की पत्नी श्रीनिधि कार्ति चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए पिछले साल नवंबर में आयकर विभाग द्वारा जारी मंजूरी संबंधी आदेश रद्द कर दिए थे।
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इशरत जहां मामले में भी फंसे चिदंबरम
- सीबीआई ने इन आरोपों की भी प्राथमिक जांच शुरू की है कि तमिलनाडु में एक होटल को पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के एक संबंधी ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के अधिकारियों की कथित मिली-भगत से हड़प लिया है।
- इशरत जहां मामले में भी चिदंबरम फंसे हुए हैं। इस मामले में उनपर दिल्ली पुलिस में एक हलफनामे में कथित छेड़छाड़ करने से संबंधित शिकायत लंबित है। आरोप है कि चिदंबरम के गृह मंत्री रहते हुए इस हलफनामे में छेड़छाड़ की गई थी।