पानी की टंकी पर चढ़ गए सैंकड़ों किसान, किया अनोखा प्रदर्शन

Update: 2018-11-04 10:35 GMT

कानपुर: केंद्र सरकार की विशेष रेल परियोजना में कानपुर में 5 हजार किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। 8 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला। जब भी किसानों ने विरोध के स्वर उठाये तो बदले में उन्हें फर्जी मुकदमे मिले। इसी मुद्दे को लेकर न्यूरी गाँव में बनी 100 फिट ऊँची पानी की टंकी पर सैंकड़ो किसान चढ़ गए। किसान अपनी मांगो को लेकर टंकी पर अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठे हैं। किसानों का यह धरना राष्ट्रीय लोकदल के बैनर तले चल रहा है। किसानों के इस धरने की जानकारी जैसे ही पुलिस को हुई तो पुलिस महकमे और जिला प्रशासन में हडकंप मच गया। किसानों का कहना है कि शहर में धारा 144 लागू है। यह धारा जमीन पर लागू होती है, आसमान में नहीं। इसलिए हम लोग पानी की टंकी पर आमरण अनशन कर रहे हैं।

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बिधनू बना किसान आंदोलन का केंद्र

बिधनू थाना क्षेत्र स्थित न्यूरी गाँव में इन दिनों किसानो के आन्दोलन का केंद्र बना है। केंद्र सरकार द्वारा रेलवे ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है। इस काम के लिए कानपुर में 5000 किसानों की बीते 26 अगस्त 2010 को भूमि अधिग्रहण की गयी थी। उस वक्त किसानों से वादा किया गया था कि किसानों के परिवार से योग्यतानुसार परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी। इसके साथ ही किसानों को भूमि का मुआवजा तक नही दिया गया।

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ये है किसानों की मांग

किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाये। इसके साथ ही अपनी मांगो को लेकर विरोध करने पर उपजिलाधिकारी द्वारा फर्जी मुक़दमे लिखाये गए हैं। किसानों पर लगे सभी फर्जी मुक़दमे वापस लिए जायें। हजारों किसानों की भूमि ज्यादा अधिग्रहण की गयी है। इसकी जाँच कर किसानों को बढ़ा कर मुआवजा दिया जाये।

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पुलिस प्रशासन के फूले हाथ पांव

राष्ट्रीय लोक दल के मध्य उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष राज कुमार तिवारी के मुताबिक जिला प्रशासन कहता है कि शहर में धारा 144 लागू है आप लोग अनशन या धरना नही दे सकते हो। धारा 144 जमीन पर लागू होती है आसमान पर नही। इसलिए किसानों की मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर हम लोग पानी के टंकी पर बैठे हैं। जब तक किसानों की समस्या का हल नहीं हो जाता है हम लोग टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे। इसके लिए चाहे हमें अपनी जान क्यों न देनी पड़े। हजारों किसानो की भूमि हड़प कर ली गयी जब किसान आवाज उठाता है तो उसके खिलाफ फर्जी मुक़दमे लिखवाये जाते है। किसानो को आठ साल से मुआवजा नहीं मिला है, रेलवे में नौकरी देने की बात कही थी उसको भी पूरा नहीं किया गया हैl उन्होंने कहा कि चौधरी चरण की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल ने हमेशा किसानो के हित की लड़ाई लड़ी है।

मौके पर पहुचे पुलिस अधिकारी किसानो को समझाने के प्रयास में जुटे हैं लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

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