कैप्टन ने हाईकमान को दिखाए तीखे तेवर, रावत आज मनाने की कोशिश करेंगे, सिद्धू को लेकर फिर फंसा पेंच

Punjab Congress: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अपने पत्र में कैप्टन ने तीखे तेवर दिखाते हुए पंजाब के मामलों में जबरन दखल न देने की बात कही है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-07-17 09:23 IST

अमरिंदर, सोनिया और सिद्धू डिजाइन फोटो

Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी के खिलाफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। कैप्टन ने इस मुद्दे को लेकर पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को तीखा पत्र लिखा है। इस पत्र में आलाकमान पर जबरदस्ती पंजाब के मामलों में दखल देने का आरोप लगाया गया है। कैप्टन का कहना है कि पार्टी हाईकमान को पंजाब की स्थिति का अंदाजा नहीं है और उसके गलत कदम से पार्टी और सरकार दोनों को राज्य में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

दूसरी ओर सिद्धू की शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) के साथ बैठक के बाद भी पंजाब कांग्रेस का विवाद नहीं सुलझ सका। कैप्टन के तीखे तेवरों के कारण पंजाब कांग्रेस में सुलह के फार्मूले का ऐलान भी रोक दिया गया है और अब शनिवार को रावत को चंडीगढ़ भेजा जा रहा है। माना जा रहा है कि शनिवार को रावत कैप्टन से मुलाकात में उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे। वैसे कैप्टन के तीखे तेवरों को देखते हुए उनके सिद्धू के मुद्दे पर मानने की संभावना काफी कम नजर आ रही है।

पंजाब में जबरन दखल न दे हाईकमान

सिद्धू की शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ओएसडी नरिंदर भांभरी ने सोनिया से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें कैप्टन का महत्वपूर्ण पत्र सौंपा। कैप्टन ने अपने पत्र में क्या लिखा है,इस पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अपने पत्र में कैप्टन ने तीखे तेवर दिखाते हुए पंजाब के मामलों में जबरन दखल न देने की बात कही है।

उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट तौर पर इस बात का जिक्र किया है कि सिद्धू को अध्यक्ष बनाने पर पार्टी को कितना बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। उनका कहना है कि सिद्धू की वर्किंग स्टाइल से कांग्रेस गुटों में बंट जाएगी और इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। कैप्टन सिद्धू की पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर ताजपोशी की आशंका से खासे नाराज बताए जा रहे हैं।
कैप्टन ने गुरुवार को भी सिसवां स्थित अपने फार्म हाउस पर समर्थक मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया गया। शुक्रवार को भी उन्होंने अपने कई समर्थकों के साथ भावी रणनीति पर चर्चा की।

रावत आज करेंगे कैप्टन से बातचीत

कैप्टन के रुख से साफ है कि वे किसी भी सूरत में सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं है। कैप्टन के तीखे तेवरों से सहमे हाईकमान ने भी पंजाब के संबंध में किसी फार्मूले के ऐलान को रोक दिया है। नाराज कैप्टन को मनाने के लिए पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत को आज चंडीगढ़ भेजने का फैसला किया गया है।

जानकारों के मुताबिक रावत कैप्टन से मुलाकात करके उनका रुख जानने की कोशिश करेंगे। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान सरकार के मामलों में कैप्टन को फ्री हैंड देते हुए अध्यक्ष पद पर सिद्धू की ताजपोशी करना चाहता है मगर कैप्टन इसके लिए कतई तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि आज कैप्टन से मुलाकात के दौरान रावत उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे।

पंजाब कांग्रेस के झगड़े पर फैसला जल्द

सिद्धू की शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और हरीश रावत के साथ बैठक में पंजाब की सियासी स्थिति पर चर्चा की गई। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने के मुद्दे पर चर्चा हुई। हालांकि इस बैठक के बाद सिद्धू ने बैठक को लेकर कोई भी खुलासा नहीं किया।
दूसरी और बैठक से बाहर निकलने के बाद रावत ने कहा कि मैंने पंजाब के बारे में अपनी राय और रिपोर्ट से पार्टी अध्यक्ष को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा। मैं इस बाबत जल्द ही मीडिया को जानकारी दूंगा।

कैप्टन की नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि यदि किसी भी प्रकार की संवादहीनता है तो उसे दूर करने की कोशिश की जाएगी। रावत ने कहा कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर की सरकार के कामकाज की तारीफ हो रही है और कांग्रेस एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने में कामयाब होगी।

घोषणा न होने से निराश हुए सिद्धू समर्थक

सिद्ध समर्थकों को शुक्रवार को पार्टी पार्टी अध्यक्ष की ओर से बड़े ऐलान की उम्मीद थी। यही कारण है कि सिद्धू की सोनिया से मुलाकात के बाद अमृतसर में सिद्धू की कोठी के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लग गया। सिद्धू के काफी संख्या में समर्थक ढोल-नगाड़ा आदि लेकर पहुंच गए और एक-दूसरे को मिठाई खिलाने लगे।
हालांकि आधिकारिक घोषणा न होने पर समर्थक कुछ देर बाद वापस लौट गए। पंजाब में कई स्थानों पर सिद्धू के समर्थकों ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को धन्यवाद देने के बैनर व पोस्टर भी लगा डाले हैं। खास तौर पर अमृतसर और लुधियाना में इस तरह के पोस्टर लगाए गए हैं। लुधियाना में दूसरे गुट की ओर से इन पोस्टरों को फाड़ने की घटनाएं भी सामने आई है। कैप्टन समर्थकों का कहना था कि जब सिद्धू को अध्यक्ष ही नहीं बनाया गया है तो ऐसे पोस्टरों का क्या मतलब है।
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