Punjab Congress Crisis: कैप्टन पर सिद्धू के तीखे हमले से गहराया पंजाब कांग्रेस का संकट, अब राहुल ने संभाली कमान
पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए गठित सुलह समिति की ओर से पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक झगड़े को शांत करने की कमान अब पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाल ली है।
Punjab Congress Crisis: पंजाब में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस का संकट भी गहराता जा रहा है। सुलह समिति की कोशिशों के बावजूद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर ठंडे नहीं पड़ रहे हैं। अब उन्होंने कैप्टन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो वे मेरे लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद करके दिखाएं। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में पार्टी के नेता कैप्टन के साथ नहीं हैं।
पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए गठित सुलह समिति की ओर से पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पंजाब कांग्रेस के झगड़े को शांत करने की कमान अब पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाल ली है। उन्होंने सोमवार को पंजाब कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेताओं से दिल्ली में अपने आवास पर मुलाकात की। जानकारों के मुताबिक मंगलवार को भी वे राज्य के कई नेताओं से मुलाकात करेंगे। राहुल गांधी ऐसा फार्मूला खोजने की कोशिश में जुटे हुए हैं ताकि असंतुष्टों की नाराजगी दूर की जा सके।
भलाई के हर प्रस्ताव को कैप्टन ने ठुकराया
कैप्टन के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने वाले सिद्धू का कहना है कि पंजाब में जनता की भलाई के मेरे हर प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। उन्होंने कहा कि बेअदबी के मामले में कैप्टन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई और सिस्टम ने सबूतों को कमजोर बना दिया। सिद्धू ने कहा कि यदि बेअदबी और ड्रग्स के मामलों को हल कर दिया जाए तो वे कैप्टन के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं मगर कैप्टन को भी इन दोनों मुद्दों को हल करने का जज्बा दिखाना होगा जिसमें वे अभी तक विफल साबित हुए हैं।
दो बड़े राजघरानों पर सिद्धू का हमला
एक न्यूज़ चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा कि पंजाब में दो बड़े राजघराने लेजिसफलेटिव पावर को खत्म करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि उन्होंने खुलकर नाम नहीं लिया मगर उनका इशारा बादल और कैप्टन के परिवार की ओर था।
उन्होंने कहा कि यही दोनों घराने बारी-बारी से सत्ता में बदलकर आते हैं और पंजाब की समस्याओं का कोई समाधान नहीं होता। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस में रहने के संबंध में पूछे जाने पर सिद्धू ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
हाईकमान के लिए मुसीबत बना झगड़ा
पंजाब कांग्रेस का झगड़ा कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है और यही कारण है कि अब राहुल गांधी इस झगड़े को सुलझाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही पार्टी की ओर से चेहरा बनाना चाहती है मगर राज्य कांग्रेस के कई नेता अमरिंदर सिंह के नाम पर नाराजगी जता रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के झगड़े को शांत करने में अभी तक नाकाम साबित हुए हैं।
हाईकमान को नहीं मिल रहा फार्मूला
सुलह कमेटी की ओर से रिपोर्ट सौंपे हुए कई दिन बीत चुके हैं मगर अभी तक हाईकमान कोई ऐसा फार्मूला नहीं ढूंढ सका है जिसके जरिए पंजाब कांग्रेस के सभी गुटों को शांत किया जा सके। मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन के भी हाईकमान से मिलने की संभावना है।
पंजाब में जहां अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन करके अपनी स्थिति को मजबूत बनाने की कोशिश की है वहीं कांग्रेस के लिए आंतरिक कलह बड़ी मुसीबत बन गई है। यही कारण है कि अब कांग्रेस नेतृत्व जल्द से जल्द पंजाब कांग्रेस को के झगड़े को शांत कराने की कोशिश में जुट गया है।