Punjab Congress Dispute: राहुल-प्रियंका ने दिया सिद्धू को झटका, आज फिर हाईकमान से मुलाकात की कोशिश

राहुल और प्रियंका से मुलाकात न होना सिद्धू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वैसे सिद्धू ने अभी हाईकमान से मुलाकात की उम्मीद नहीं छोड़ी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-06-30 10:51 IST

राहुल गांधी प्रियंका गांधी नवजोत सिंह सिद्दू (फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मंगलवार को करारा झटका लगा। सियासी हलकों और मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी मंगलवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बहुप्रतीक्षित मुलाकात की काफी काफी चर्चा थी मगर सिद्धू की हाईकमान से मुलाकात नहीं हो सकी। इस मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे सिद्धू को उस समय करारा झटका लगा जब राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सिद्धू के साथ कोई बैठक नहीं तय है।

राहुल और प्रियंका से मुलाकात न होना सिद्धू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वैसे सिद्धू ने अभी हाईकमान से मुलाकात की उम्मीद नहीं छोड़ी है। सिद्धू से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि वे अभी भी दिल्ली में ही रुके हुए हैं और बुधवार को एक बार फिर राहुल गांधी से मुलाकात करने की कोशिश करेंगे। सिद्धू की टीम का कहना है कि वे राहुल गांधी से मिलकर अपना पक्ष पूरी तरह स्पष्ट करना चाहते हैं।

वैसे कांग्रेस हाईकमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा बनाए रखने का पक्षधर है। कैप्टन की ओर से भी हाईकमान को स्पष्ट कर दिया गया है कि सिद्धू सार्वजनिक बयानबाजी करके पार्टी की चुनावी संभावनाओं को कमजोर बना रहे हैं।

सार्वजनिक बयानबाजी से राहुल नाराज

दरअसल राहुल गांधी ने हाल के दिनों में पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं से मुलाकात की है और मंगलवार को उनकी सिद्धू से मुलाकात होनी थी। राहुल और प्रियंका से मुलाकात करने के लिए सिद्धू पटियाला से दिल्ली भी पहुंच गए थे मगर सोनिया से मुलाकात के लिए 10 जनपथ रवाना होने से पूर्व राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सिद्धू के साथ कोई मीटिंग नहीं होनी है।

राहुल की ओर से मुलाकात की बात नकारे जाने से कैप्टन से असंतुष्ट सिद्धू को करारा झटका लगा है। राहुल गांधी पहले भी पार्टी के भीतरी मुद्दों को लेकर सार्वजनिक बयानबाजी पर नाराजगी जता चुके हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि सिद्धू ने जिस तरह कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे हैं, उससे राहुल गांधी नाराज बताए जा रहे हैं।

उन्होंने पार्टी नेताओं को नसीहत दी है कि वे इस तरह की बयानबाजी से बाज जाएं जिससे पार्टी को सियासी नुकसान पहुंचता हो। उनका यह भी कहना है कि यदि पंजाब कांग्रेस में किसी नेता को किसी मुद्दे को लेकर नाराजगी भी है तो उसे अपनी बात पंजाब कांग्रेस के प्रभारी या कांग्रेस हाईकमान के सामने रखनी चाहिए।


कैप्टन ने सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया

इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू को लेकर अपनी राय कांग्रेस की सुलह समिति और हाईकमान के सामने स्पष्ट कर दी है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के झगड़े के लिए पूरी तरह सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बनाई गई सुलह समिति से यह भी कहा है कि उन्होंने कई बार सिद्धू से सारे मतभेदों को दूर करने की कोशिश की मगर उनके अड़ियल रवैये के चलते ऐसा करना संभव नहीं हो सका।

सिद्धू को पार्टी की ओर से कैप्टन की कैबिनेट में डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव दिया गया था मगर सिद्धू का कहना था कि कैप्टन की अगुवाई में उनके लिए काम करना संभव नहीं है। दूसरी और कैप्टन भी सिद्धू को साथ लेकर काम करने के लिए तैयार नहीं है। सिद्धू की नजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर लगी हुई है मगर कैप्टन उन्हें यह महत्वपूर्ण सियासी पद देने के लिए तैयार नहीं हैं।

राहुल ने की है कई नेताओं से मुलाकात

पंजाब कांग्रेस की आंतरिक कलह को खत्म करने के लिए अब राहुल गांधी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने हाल के दिनों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। उनसे मुलाकात करने वालों में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल है। इन नेताओं के अलावा राहुल ने पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सांसद गुरजीत सिंह औजला और मनीष तिवारी से भी चर्चा की है।

राहुल गांधी से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस का झगड़ा जल्द सुलझने की उम्मीद जताई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को गलत सलाह देने में जुटे हुए हैं।

दूसरी ओर कैप्टन के विरोधी माने जाने वाले सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने राहुल से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने पंजाब के मौजूदा सियासी हालात और पार्टी की जमीनी हकीकत के बारे में राहुल गांधी को विस्तार से जानकारी दे दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य के मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए पार्टी नेतृत्व उचित फैसला लेगा।

पार्टी के लिए मुसीबत बनी आंतरिक कलह

पंजाब कांग्रेस में सिद्धू और कैप्टन के बीच काफी दिनों से खींचतान चल रही है। पार्टी के अन्य नेता भी इस सियासी घमासान में कूद पड़े हैं। इसी कारण पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में नहीं जुट पाई है। हाईकमान की ओर से बनाई गई सुलह कमेटी ने कई दिनों पूर्व अपनी रिपोर्ट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी थी मगर पार्टी हाईकमान अभी तक इस बाबत कोई अंतिम फैसला नहीं ले सका है।

सुलह कमेटी ने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को पार्टी के लिए काम करने के साथ ही कैप्टन को भी चुनावी वादों को जल्द से जल्द पूरा करने की नसीहत दी है। कमेटी की नसीहत के बाद कैप्टन ने भी इस बाबत तेजी से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

सूत्रों का कहना है कि सिद्धू अभी भी हाईकमान से मुलाकात करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि बुधवार को उनकी मुलाकात हाईकमान से होती है या नहीं।

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