Punjab Election 2022 : पंजाब में कांग्रेस के CM चेहरे के लिए लॉबिंग तेज, राहुल के ऐलान के बाद चन्नी और सिद्धू के बीच जंग शुरू
Punjab Election 2022 : जालंधर की पंजाब फतेह रैली (Punjab Fateh Rally) में राहुल गांधी ने पार्टी की ओर से सीएम पद का चेहरा जल्द घोषित करने का ऐलान किया था।
Punjab Election 2022 : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress, rahul gandhi) के गुरुवार को पंजाब दौरे (Punjab visit) के बाद पार्टी में खेमेबंदी तेज हो गई है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जालंधर की पंजाब फतेह रैली (Punjab Fateh Rally) में पार्टी की ओर से सीएम पद का चेहरा जल्द घोषित करने का ऐलान किया था। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद सीएम चेहरा (CM face in punjab) पर अंतिम फैसला लेने की बात कही थी। राहुल गांधी (rahul gandhi) की इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Cm Charanjit Singh Channi) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Congress President Navjot Singh Sidhu) के खेमों ने लॉबिंग तेज कर दी है।
राहुल गांधी की घोषणा के समय ये दोनों नेता मंच पर मौजूद थे और अब इन दोनों नेताओं के बीच जंग तेज हो गई है। दोनों नेताओं की ओर से इस बात की कोशिश की जा रही है कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हाईकमान के समक्ष सीएम चेहरे के लिए उनका ही नाम रखें। राज्य में 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले दोनों खेमों के बीच शुरू हुई यह जोर आजमाइश पार्टी के चुनाव अभियान को झटका देने वाली साबित हो सकती है।
सिद्धू ने बनाया नेतृत्व पर दबाव
जालंधर में गुरुवार को ही रैली में सिद्धू ने राहुल की मौजूदगी में पंजाब कांग्रेस का सीएम चेहरा घोषित किए जाने का दबाव बनाया था। उनका कहना था कि जनता की ओर से इस बाबत पूछे जा रहे सवाल का पार्टी नेता जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए पार्टी को जल्द से जल्द इस बाबत फैसला लेना चाहिए। सिद्धू इससे पहले भी यह बयान दे चुके हैं कि बिना दूल्हे के कैसी बारात।
दरअसल सिद्धू सीएम चेहरे को लेकर समय-समय पर हाईकमान पर दबाव बनाते रहे हैं। इसके पीछे सिद्धू की सोची समझी रणनीति है और वे चुनाव से पहले खुद को सीएम चेहरा घोषित करवाना चाहते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद सिद्धू सीएम बनने से चूक गए थे मगर अब भविष्य में वे इस बाबत नहीं चूकना चाहते।
चन्नी भी खुलकर आए सामने
दूसरी ओर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी अपनी सरकार की ओर से लिए गए ताबड़तोड़ फैसलों के आधार पर राज्य की जनता की सेवा के लिए 5 साल और मांग रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें 111 दिनों तक ही काम करने का मौका मिला और इस दौरान उन्होंने बिना आराम किए जनता के हक में तमाम फैसले लिए हैं। गुरुवार को उन्होंने जालंधर में कहा कि जब मैं इतने कम दिनों में जनता की इतनी सेवा कर सकता हूं तो मुझे 5 साल का पूरा मौका दिया जाना चाहिए ताकि मैं पंजाब की लोगों की भरपूर सेवा कर सकूं। राहुल गांधी के सामने दिए गए इस बयान के जरिए चन्नी ने खुद को सीएम चेहरा घोषित करने का दबाव बनाया है।
दोनों टीमों ने बढ़ाई सक्रियता
अब दोनों नेताओं की ओर से खुद को सीएम चेहरा घोषित करवाने के लिए खेमेबंदी तेज कर दी गई है। वैसे राज्य के सियासी हालात और जातीय समीकरण चन्नी के पक्ष में हैं। चुन्नी का ताल्लुक दलित समुदाय से हैं और राज्य में दलितों की आबादी करीब 32 फ़ीसदी है। सियासी जानकारों का मानना है कि चन्नी की अनदेखी पार्टी नेतृत्व के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। सिद्धू का ताल्लुक जट्ट सिख समुदाय से है और उसकी आबादी करीब 19 फ़ीसदी है। वैसे अभी तक जट्ट सिख समुदाय का अधिकांश वोट अकाली दल को जाता रहा है और इस मामले में भी सिद्धू चन्नी के सामने पिछड़ते दिख रहे हैं।
कई नेताओं का चन्नी को समर्थन
वैसे सिद्धू की एक बड़ी कमजोरी यह भी है कि उन्हें ज्यादा समय तक किसी भी नेता का समर्थन नहीं मिलता। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की उनकी मुहिम में जिन कांग्रेसी नेताओं ने साथ दिया था, अब वे चन्नी के पक्ष में खड़े दिखाई देते हैं। राज्य के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त राजिंदर बाजवा जैसे नेताओं ने कैप्टन के खिलाफ मुहिम में बड़ा योगदान किया था। बाद में सीएम पद के लिए रंधावा और सिद्धू में ही ठन गई जिसके बाद हाईकमान ने चन्नी की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर दी। अब रंधावा और बाजवा समेत कई वरिष्ठ नेता चन्नी के साथ खड़े हैं और हाईकमान के सामने चन्नी की वकालत करने में जुटे हुए हैं।
ईडी रेड के बाद चन्नी की मुश्किलें बढ़ीं
चन्नी के सामने सबसे बड़ी दिक्कत उनके रिश्तेदार भूपिंदर हनी के ठिकानों पर ईडी रेड से शुरू हुई है। चन्नी पर अवैध खनन के मामले में हनी की मदद करने का आरोप लगाया जा रहा है। अकाली दल के नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने इस मामले में चन्नी पर खुलकर आरोप लगाए हैं। ऐसे में अब सबकी नजर हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई है और माना जा रहा है कि राहुल गांधी जल्द ही पार्टी के सीएम चेहरे का ऐलान कर देंगे। सीएम चेहरे के ऐलान के बाद चन्नी और सिद्धू के गुटों के बीच जंग और तेज होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।