Punjab Election 2022: कैप्टन को घेरने के लिए कांग्रेस का बड़ा प्लान, इस दिग्गज हिंदू चेहरे पर खेला दांव
Punjab Election 2022 : सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोकहित कांग्रेस के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है।
Punjab Election 2022 : पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम है। किसान आंदोलन की एपिसेंटर रहे इस राज्य में कई दल सत्ता की लड़ाई में है। जिसने यहां की चुनावी राजनीति को दिलचस्प मोड़ पर ला दिया है। कभी राज्य में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह (former cm Capt Amarinder Singh) आज उसी कांग्रेस की जड़ें खोदने में लगे हुऐ हैं तो वहीं कांग्रेस (Congress) अपने इस पूराने दिग्गज को इसबार विधानसभा का मूंह नहीं देखने देना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी ने बड़े सोच विचारकर कैप्टन का गढ़ मानेजाने वाले पटियाला में अपने प्रत्याशी का ऐलान किया है।
कैप्टन के धूर विरोधी को दिया टिकट
सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोकहित कांग्रेस के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने कैप्टन के गढ़ पटियाला से शहर के पूर्व मेयर विष्णु शर्मा (Vishnu Sharma, former mayor of the city from Patiala) को उतारा है। 2002 में कांग्रेस सरकार के दौरान शहर के मेयर रहे विष्णु शर्मा पटियाला के दिग्गज हिंदू नेता माने जाते हैं। हालांकि 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह मतभेदों के कारण वो पार्टी छोड़ चले गए।
शर्मा ने अपना नया ठिकाना कांग्रेस की मुख्य विरोधी शिरोमणी अकाली दल को बनाया। लेकिन विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने घर वापसी करते हुए दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए। विष्णु शर्मा के इस एंट्री के पीछे पंजाब कांग्रेस प्रमुख और कैप्टन के कट्टर विरोधी नवजोत सिंह सिध्दू को बताया जाता है। कांग्रेस का टिकट मिलने पर शर्मा ने कहा कि पटियाला कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है और वो इसे कांग्रेस के पास ही बरकरार रखने की कोशिश करेंगे। वहीं शिरोमणी अकाली दल ने इस सीट से हरपाल जुनेजा को मैदान में उतारा है।
कैप्टन पहले ही कर चुके थे ऐलान
बीते साल नवंबर में ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटियाला से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। उनका गढ़ माने जाने वाले इस सीट से वो चार बार चुनाव जीत चुके हैं। 2014 में जब वो सोनिया गांधी के कहने पर अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़कर जीते तब उन्होंने पटियाला सीट छोड़ दी थी। इस सीट से तब उनकी पत्नी परनीत कौर ने उपचुनाव लड़कर जीता था। बीते साल नवजोत सिंह सिध्दू से हुए अनबन के बाद कैप्टन ने सिध्दू को ललकारते हुए पटियाला से विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी।
तब उन्होंने कहा था कि अगर सिध्दू मेरे खिलाफ लड़ता है तब उसका हाल भी 2017 में भाजपा उम्मीदवार जेजे सिंह की तरह होगा। बता दें कि 2017 में अकाली बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर सेना से रिटायर जेजे सिंह ने कैप्टन के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस चुनावी लड़ाई में उन्हें तकरीबन 60 हजार वोटों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
पंचतरफा मुकाबला होने के आसार
पंजाब में इस बार पंचतरफा मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी आमने सामने है। तो वहीं लंबे समय तक राज्य की सत्ता में रही अकाली दल इस बार अपने पुराने सहयोगी भाजपा के बजाय मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठजोड़ कर चुनाव मैदान में है।
दरअसल राज्य में बड़ी दलित आबादी होने के कारण अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन किया है। इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में कूदे अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ गठबंधन में है। गठबंधन में सीनियर पार्टनर की भूमिका निभा रही भाजपा के अलावा ढींढसी की पार्टी शिअद संयुक्त भी है। इसके अलावा किसान आंदोलन से निकली संयुक्त किसान मोर्चा भी चुनावी अखाड़े में किसानों के मुद्दे को लेकर मैदान में है। पंजाब में 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को अन्य चार राज्यों के साथ होगी।