Punjab Election 2022: कई सीटों पर कांग्रेस के अपने हुए बेगाने, बागियों की चुनौती ने बढ़ाई पार्टी उम्मीदवारों की मुश्किलें

Punjab Election 2022: पंजाब की कई विधानसभा सीटों पर बागी उम्मीदवारों ने कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों की नाक में दम कर रखा है। इन सीटों पर टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस नेता ही बागी उम्मीदवार के रूप में उतर गए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2022-02-06 17:01 IST

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Punjab Election 2022: पंजाब के विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Chunav) में इस बार कड़ा सियासी संघर्ष हो रहा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष ने पूरा जोर लगा रखा है। दूसरी और कांग्रेस जोरदार प्रचार (Congress Election Compaign) के जरिए एक बार फिर सत्ता की बाजी जीतने की कोशिश में जुटी हुई है। वैसे कांग्रेस के लिए विपक्ष ही नहीं बल्कि अपने भी चुनौती बने हुए हैं।

राज्य की कई विधानसभा सीटों पर बागी उम्मीदवारों ने कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों (Congress Candidates In Punjab) की नाक में दम कर रखा है। इन सीटों पर टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस नेता ही बागी उम्मीदवार (Congress Rebel Candidate) के रूप में उतर गए हैं। पार्टी के नेता इन बागी उम्मीदवारों को मनाने में नाकाम साबित हुए जिसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस के वोट बैंक (Congress Vote Bank) में बड़ी सेंधमारी की आशंका पैदा हो गई है।

नवांशहर सीट पर अंगद बने मुसीबत

नवांशहर विधानसभा सीट (Nawanshahr Vidhan Sabha Seat) पर कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक अंगद सिंह (MLA Angad Singh) का टिकट काट दिया है। इस सीट पर अंगद सिंह की जगह सतबीर सिंह सैनी (Satbir Singh Saini) को चुनाव मैदान में उतारा गया है। अंगद सिंह के परिवार की इस विधानसभा क्षेत्र पर मजबूत पकड़ मानी जाती है और दशकों तक इस विधानसभा सीट को उनके परिवार के लोग जीतते रहे हैं। 2012 के चुनाव में उनकी मां ने इस सीट पर जीत हासिल की थी जबकि पिछले चुनाव में अंगद इस सीट पर आसानी से जीत हासिल करने में कामयाब हुए थे।

उनका विवाह उत्तर प्रदेश में रायबरेली (Raebareli) की विधायक अदिति सिंह (Aditi Singh) के साथ हुआ है। अदिति सिंह ने कांग्रेस से बगावत करके भाजपा का दामन थाम लिया है और अंगद सिंह का टिकट कटने के पीछे इसे बड़ा कारण माना जा रहा है। अब अंगद सिंह ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर नामांकन कर दिया है। क्षेत्र पर उनके परिवार की मजबूत पकड़ के कारण उनके नामांकन से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। 

चरणजीत सिंह चन्नी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

भाई को नहीं मना सके मुख्यमंत्री चन्नी

बस्सी पठाना सीट (Bassi Pathana Seat) पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) के भाई डॉ मनोहर सिंह (Dr. Manohar Singh) ही कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। मनोहर सिंह पहले कांग्रेस से टिकट पाने के लिए प्रयासरत थे मगर टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया है।

मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने भाई को चुनाव लड़ने से रोकने की बहुत कोशिश की मगर वे नाकाम साबित हुए। इस सीट पर कांग्रेस ने गुरप्रीत सिंह (Gurpreet Singh) को चुनाव मैदान में उतारा है मगर मुख्यमंत्री के भाई ने उनकी राह में कांटे बो दिए हैं।

चन्नी के लिए मुसीबत बनीं मंजीत कौर

मुख्यमंत्री चन्नी के लिए भदौर सुरक्षित विधानसभा सीट (Bhadaur Vidhan Sabha Seat) पर भी कांग्रेस के बागी ने दिक्कत खड़ी कर दी है। मुख्यमंत्री इस बार दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने चमकौर साहिब (Chamkaur Sahib Seat) के अलावा भदौर सुरक्षित सीट पर भी नामांकन किया है। कांग्रेस के डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह (Ajaib Singh) की पत्नी मंजीत कौर (Manjeet Kaur) ने कांग्रेस का टिकट न मिलने पर यहां निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया। कांग्रेस नेता तमाम कोशिशों के बावजूद मंजीत का नामांकन वापस नहीं करा पाए हैं।

बेटे का प्रचार कर रहे मंत्री राणा गुरजीत

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह (Rana Gurjeet Singh) ने भी एक विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। सुल्तानपुर लोधी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने नवतेज सिंह चीमा (Navtej Singh Cheema) को मैदान में उतारा है मगर यहां से राणा गुरजीत के बेटे राणा इंद्रप्रताप सिंह ने नामांकन दाखिल कर दिया है। मजे की बात यह है कि राणा गुरजीत अपने बेटे को मनाने की जगह उसके चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

दो और सीटों पर बागियों ने बोए कांटे

इसी तरह दो अन्य विधानसभा सीटों समराला और तलवंडी साबो में भी कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए दिक्कत खड़ी हो गई है। समराला में कांग्रेस नेतृत्व ने मौजूदा विधायक अमरीक सिंह ढिल्लो का टिकट काट दिया है। उनकी जगह रूपिंदर सिंह गिल को चुनाव मैदान में उतारा गया है। नाराज ढिल्लो ने यहां पर्चा भरके गिल के लिए मुसीबत पैदा कर दी है।

तलवंडी साबो से कांग्रेस ने नवप्रीत जटाणा को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट से पूर्व मंत्री हरमिंदर सिंह जस्सी भी टिकट मांग रहे थे। टिकट न दिए जाने पर नाराज होकर उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन भर दिया है। अब कांग्रेस उम्मीदवार के लिए जस्सी की चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा। 

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