पंजाब चुनाव: ड्रग्स के लिए कुख्यात दौलेवाला में बदलाव पर जोर

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में धर्मकोट विधानसभा क्षेत्र के लोग इस बार बदलाव के मूड में दिखाई दे रहे हैं। यह क्षेत्र पंजाब में ड्रग्स से सबसे ज्यादा ग्रसित क्षेत्र है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Newstrack :  Neel Mani Lal
Update: 2022-02-19 11:39 GMT

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। पंजाब का दौलेवाला इलाका ड्रग्स के लिए कुख्यात है और इस चुनाव में यहाँ के लोगों ने बदलाव का प्रण कर रखा है। मोगा के धरमकोट निर्वाचन क्षेत्र (Dharamkot Constituency) का गांव दौलेवाला पिछले दो दशकों में ड्रग्स के धंधे के लिए सबसे कुख्यात हुआ है। शिअद-भाजपा शासन के दो कार्यकालों के दौरान, पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चे अपने स्कूल बैग में ड्रग्स ले जाते पाए गए थे, जिन्हें उनके माता-पिता मुख्य सड़क पर इंतजार कर रहे ग्राहकों को खेप पहुंचाने के लिए कोरियर के रूप में इस्तेमाल करते थे।

हर घर में एक पर केस दर्ज

गाँव के लगभग हर घर में एक या दो सदस्य ऐसे हैं जिन पर एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस गाँव के सरपंचों को भी जेलों में बंद करने का इतिहास रहा है। हेरोइन का सेवन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली शीशियाँ, इंजेक्शन और फ़ॉइल यहाँ एक आम नजारा है। ये गाँव पहले ही अपने कई युवाओं को ड्रग्स की ओवरडोज़ के चलते गंवा चुका है।

दौलेवाला के बाशिंदों में एक चीज कॉमन है- ड्रग्स के मामले। और यही वजह है कि स्थानीय लोग अब बदलाव के लिए प्रण कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे कांग्रेस और शिअद-भाजपा की बजाय किसी तीसरे पक्ष को मौका देने के लिए तैयार हैं जो उनके गांव की स्थिति में सुधार ला सके।

ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों ने वास्तव में नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ आवाज उठाई थी, उन पर झूठी प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जबकि नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। शिअद-भाजपा सरकार और कांग्रेस के कार्यकाल में भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

धर्मकोट में मुकाबला

धर्मकोट से शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के वरिष्ठ नेता तोता सिंह का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुखजीत सिंह काका लोहगढ़ से है। आप उम्मीदवार देविंदर जीत सिंह लड्डी धोस हैं, जो युवा कांग्रेस के पूर्व नेता और एसजीपीसी (SGPC) के पूर्व सदस्य कुलदीप ढोस (Kuldeep Dhos) के बेटे हैं।

दौलेवाला के युवा सरपंच सुखविंदर सिंह पर 2020 में कथित हेरोइन तस्करी का मामला दर्ज किया गया लेकिन उन्हें बाद में जमानत मिल गई थी। सुखविंदर का भाई चुहार सिंह 1 किलो हेरोइन रखने के आरोप में फरीदकोट जेल में बंद है। सुखविंदर दोनों मामलों को झूठा करार देते हैं। सुखविंदर के खिलाफ मामला 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के तहत दर्ज किया गया था, जबकि उनके भाई के खिलाफ 2015 में शिअद-भाजपा शासन के दौरान मामला दर्ज किया गया। सुखविंदर कहते हैं कि लोग अब ऊब चुके हैं और उनको किसी भी तरह बदलाव चाहिए।

पंजाब के मध्य में स्थित मोगा जिला किसानों और फार्म यूनियन गतिविधियों का केंद्र है। इसके चार विधानसभा क्षेत्रों में से तीन ग्रामीण हैं, जिनमें खेती करने वाले परिवारों का वर्चस्व है।

2017 में शिरोमणि अकाली दल को मोगा में हार का सामना करना पड़ा था और यहाँ से एक भी सीट जीतने में विफल रहा। अकाली वयोवृद्ध जत्थेदार तोता सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) के करीबी और उनके बेटे बरजिंदर सिंह माखन बराड़ (Barjinder Singh Makhan Brar), दोनों को अपनी-अपनी सीटों से हार का सामना करना पड़ा। जबकि तीन सीटें कांग्रेस (Congress) ने जीती थीं, एक आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के खाते में गई थी।

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