Punjab Election 2022: अबोहर में उतरा जाखड़ परिवार का नया सितारा, कांग्रेस ने बनाया उम्मीदवार

Punjab Election 2022: सुनील जाखड़ के बड़े भाई के बेटे संदीप जाखड़ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अबोहर से अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं। सुनील जाखड़ इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान पैनल की अगुवाई कर रहे हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update:2022-01-27 10:33 IST

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव में जाखड़ परिवार के एक नए युवा सदस्य की एंट्री हो गई है। पंजाब में बादल परिवार का गढ़ है लम्बी क्षेत्र (Lambi Assembly Seat) तो उसके पड़ोस में राजस्थान सीमा से सटा अबोहर शहर (Abohar) पंजाब के एक और रसूखदार राजनीतिक परिवार के साथ जुड़ा हुआ है। ये परिवार है बलराम जाखड़ (Balram Jakhar) का जो राज्य में एकमात्र हिंदू जाट राजनीतिक राजवंश कहा जाता है। 

इसी राजवंश की एक बड़ी राजनीतिक शख्सियत रहे हैं बलराम जाखड़ (Balram Jakhar), जिन्होंने पहली बार यहां 1972 में चुनाव लड़ा था। वे पीवी नरसिम्हा राव सरकार (PV Narasimha Rao) के दौरान सबसे लंबे समय तक लोकसभा आदि5 तथा बाद में केंद्रीय कृषि मंत्री रहे थे। उनके सबसे छोटे बेटे सुनील जाखड़ (Sunil Kumar Jakhar) पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, गुरदासपुर के सांसद और तीन बार के विधायक रहे हैं। इससे पहले, बलराम जाखड़ के सबसे बड़े बेटे सज्जन जाखड़ पंजाब में बेअंत सिंह सरकार में कृषि मंत्री रहे थे। 

संदीप जाखड़ की चुनाव में एंट्री 

इस चुनाव में एक नये जाखड़ मैदान में हैं। ये हैं सुनील जाखड़ के बड़े भाई के बेटे संदीप जाखड़ (Sandeep Jakhar)। जिनके पिता स्व. सुरिंदर जाखड़ इफ्को के अध्यक्ष थे। बहरहाल, संदीप जाखड़ पहले कॉरपोरेट जगत में थे, फिर किसान बन गए और अब कांग्रेस उम्मीदवार (Congress Candidate) के रूप में अबोहर से अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं। सुनील जाखड़ इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान पैनल की अगुवाई कर रहे हैं। एक समय में सुनील जाखड़ का नाम मुख्यमंत्री के लिए लिया जा रहा था। 

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

संदीप जाखड़ के बारे में (Sandeep Jhakhad Wiki In Hindi) 

संदीप जाखड़ अजमेर के प्रसिद्ध मेयो कॉलेज से पढ़े हुए हैं। उन्होंने अमेरिका में मियामी से ग्रेजुएशन किया, स्विट्जरलैंड में दो साल तक पढ़ाई की और फ्लोरिडा में कंट्री क्लब के प्रमुख के रूप में काम भी किया है। बहरहाल, संदीप अब पंजाब में अपनी पैतृक भूमि पर किन्नू की खेती करते हैं। संदीप का कहना है कि उनका जिला किसी समय में रेत के टीलों वाला बंजर क्षेत्र हुआ करता था लेकिन उनके दादा बलराम जाखड़ ने 42 किलोमीटर लंबी अबोहर नहर का निर्माण करके इस इलाके की तस्वीर बदल दी। संदीप कहते हैं कि उन्होंने इस नहर के पुनर्निर्माण के लिए बहुत काम किया है। 

संदीप का कहना है कि वह अबोहर के किसानों को आलमगढ़ में पंजाब एग्रो प्लांट में संसाधित होने वाली मिर्च और टमाटर उगाने के लिए प्रोत्साहित करके विविधीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। वह कहते हैं कि अकाली शासन के दौरान साल में केवल कुछ दिन चलने वाला संयंत्र अब साल में 200 दिन काम करता है और इसका मिर्च पेस्ट मध्य पूर्व में एक्सपोर्ट किया जाता है। ये ऐसा बाजार है जिसपर अब अबोहर किसानों का कब्जा है। 

भाजपा की तरफ से अरुण नारंग हैं अबोहर से उम्मीदवार

बहरहाल, अबोहर विधानसभा क्षेत्र (Abohar Vidhan Sabha Seat) से भाजपा ने विधायक अरुण नारंग (Arun Narang) को दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। अरुण नारंग वर्ष 2017 में पहली बार चुनाव मैदान में कूदे व कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ को हराने में कामयाब रहे थे।

अबोहर के इतिहास पर नजर डाले तो यहां से नौ बार कांग्रेस व छह बार भाजपा जनसंघ ने परचम लहराया है। इस बार अबोहर में कांग्रेस, भाजपा, शिअद व आप के उम्मीदवार के बीच मुकाबला है व उम्मीद है कि संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukt Samaj Morcha) का उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतर सकता है। 

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