Punjab Election 2022: पंजाब में संयुक्त समाज मोर्चा को नहीं मिला मनचाहा चुनाव निशान, ट्रैक्टर सिंबल की मांग, मगर हाथ लगी चारपाई

मोर्चा की ओर से हाल के दिनों में लगातार चुनाव आयोग पर हमले किए जा रहे थे। मोर्चा का आरोप था कि सियासी साजिश के तहत उन्हें चुनाव निशान का आवंटन नहीं किया जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-02-04 19:32 IST

 संयुक्त समाज मोर्चा 

Punjab Election 2022: पंजाब में काफी जद्दोजहद के बाद संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) को चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव निशान का आवंटन कर दिया गया है। मोर्चा को चुनाव आयोग ने चारपाई चुनाव निशान आवंटित किया है। पंजाब में 20 फरवरी को होने वाले मतदान में अभी तक मोर्चा को चुनाव निशान न मिलने के कारण काफी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी मगर अब मोर्चा के प्रत्याशियों के सामने छाई धुंध छट गई है।

वैसे मोर्चा की ओर से आयोग से ट्रैक्टर चुनाव निशान मांगा गया था। इसके जरिए मोर्चा किसानों को साधने की तैयारी में जुटा था मगर आयोग की ओर से मोर्चा की यह मांग पूरी नहीं की गई। अब मोर्चा के बैनर तले पंजाब के चुनाव में उतरने वाले किसान चारपाई चुनाव चिह्न पर चुनावी अखाड़े में किस्मत आजमाएंगे।

चुनाव आयोग के रवैए पर नाराजगी

मोर्चा की ओर से हाल के दिनों में लगातार चुनाव आयोग पर हमले किए जा रहे थे। मोर्चा का आरोप था कि सियासी साजिश के तहत उन्हें चुनाव निशान का आवंटन नहीं किया जा रहा है। मोर्चा के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी खासा विवाद पैदा हुआ था और इसे लेकर भी मोर्चा ने आयोग की घेराबंदी की थी।


पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की अवधि समाप्त होने के बाद आयोग की ओर से मोर्चा को रजिस्टर्ड किया गया और अब आयोग ने मोर्चा प्रत्याशियों को चारपाई चुनाव निशान आवंटित किया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ किया था संघर्ष

पंजाब के विधानसभा चुनाव में 22 किसान संगठनों ने एकजुट होकर संयुक्त समाज मोर्चा बनाया है। केंद्र सरकार की ओर से पारित कृषि कानूनों के खिलाफ इन किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं पर काफी संघर्ष किया था। किसान संगठनों ने एक साल से ज्यादा समय तक सिंधु बॉर्डर पर डेरा डाल रखा था।

किसानों के इस विरोध प्रदर्शन के कारण ही केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर हुई थी। अब ये किसान संगठन बलबीर सिंह राजेवाल की अगुवाई में चुनावी अखाड़े में कूद पड़े हैं। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने भी संयुक्त समाज मोर्चा के साथ गठजोड़ किया है।

अब प्रत्याशियों के सामने बड़ी चुनौती

संयुक्त समाज मोर्चा ने संयुक्त संघर्ष मोर्चा के साथ मिलकर पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। संयुक्त समाज मोर्चा को 97 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने थे मगर कई जगह मोर्चा प्रत्याशियों की ओर से नामांकन ही नहीं दाखिल किया जा सका। आयोग के रवैये पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने नाखुशी जताई है। उनका आरोप है कि मोर्चा के प्रति चुनाव आयोग का रवैया निष्पक्ष नहीं रहा है।

वैसे आयोग की तरफ से चुनाव चिह्न का आवंटन हो जाने के बाद भी प्रत्याशियों के सामने इतने कम दिनों में मतदाताओं तक चुनाव निशान पहुंचाने की बड़ी चुनौती है। कई प्रत्याशियों का मानना है कि इतनी कम अवधि में सभी मतदाताओं तक चुनाव निशान की जानकारी पहुंचाना काफी मुश्किल काम है।

किसानों के चुनाव मैदान में उतरने से सभी राजनीतिक दलों को वह खतरा महसूस हो रहा है। उनका मानना है कि किसान नेताओं के चुनाव मैदान में उतरने से ग्रामीण इलाकों में काफी संख्या में वोट कटने की आशंका पैदा हो गई है।

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