Punjab Election 2022: चुनाव से पहले किसान मोर्चे में फूट, नाराज नेताओं ने बनायी अलग पार्टी

Punjab Election 2022: टिकट न मिलने से नाराज इन नेताओं ने अलग मोर्चे का ऐलान कर दिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Monika
Update:2022-01-26 15:54 IST

चुनाव से पहले किसान मोर्चे में फूट (photo : social media)

Punjab Election 2022: तकरीबन एक साल से अधिक किसान आंदोलन (kisan andolan) की तपिश में तपे पंजाब में एकबार फिर सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) को लेकर एक तरफ जहां सियासी पार्टियां जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है वहीं अराजनैतिक आंदोलन चलाने वाले किसान नेताओं के कुछ गुट भी चुनावी समर में ताल ठोंकने उतर गए हैं। यही वजह है कि पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) की लड़ाई अबकी बार बेहद दिलचस्प मोड़ ले चुकी है।

संयुक्त समाज मोर्चा (sanyukt samaj morcha) और संयुक्त संघर्ष मोर्चा (sanyukt sangharsh morcha) पंजाब में गठबंधन (gathbandhan) कर चुनाव मैदान में उतरी है। बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) की संयुक्त समाज मोर्चा जहां गठबंधन में बड़ी पार्टनर की भूमिका में है। वहीं गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni)की संयुक्त संघर्ष मोर्चा जुनियर पार्टनर है। इस बीच दोनों मोर्चे में हुए टिकट (ticket) बटवारे को लेकर कुछ किसान नेताओं में नाराजगी उभर आई है। टिकट न मिलने से नाराज इन नेताओं ने अलग मोर्चे का ऐलान कर दिया है। नाराज किसानों ने 'साझां पंजाब मोर्चा' के नाम से एक नया संगठन बनाया है, जो पंजाब चुनाव में भाग लेगी। दरअसल ऐसे किसान आंदोलन में कई ऐसे लोग थे, जो अन्य देशों में अपना जमा जमाया हुआ कारोबार छोड़कर पंजाब के वास्ते इस आंदोलन में शरीक होने आए थे। ऐसे लोग चुनाव लड़कर अपनी सियासी महत्वाकांक्षा की पूर्ति करना चाहते थे। उन्हें उम्मीद थी कि संगठन उनके योगदान और त्याग को देखते हुए उन्हें जरूर टिकट देगा, लेकिन टिकट वितरण में उन्हें नाराजगी हाथ लगी। लिहाजा ऐसे नाराज किसान नेताओं ने मिलाकर एक अलग मोर्चे की स्थापना कर ली। ऐसे नेताओं का कहना था कि वो आंदोलन में पंजाब के बेहतर भविष्य के लिए शामिल हुए, लेकिन जब टिकट वितरन की बात आई तो ये लोग किसी राजनीतिक संगठन की तरह बात करने लगे।

किसान बनाम किसान हुआ मुकाबला

करीब 22 किसान संगठनों के सहयोग से चुनाव मैदान में उतरे संयुक्त समाज मोर्चा गठबंधन के लिए नाराज किसानों का ये कदम किसी बड़े झटके से कम नहीं है। एकतरफ बड़ी औऱ स्थापित पार्टियां किसान कानूनों के कारण उपजी नाराजगी की फसल काटने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हों, ऐसे समय में संयुक्त समाज मोर्चे में पड़ी ये दरार किसान संगठनों के लिए बड़ा सेटबेक है। अब तक पंजाब में किसानों के वोट की हिस्सेदारी को लेकर लड़ाई आम आदमी पार्टी और संयुक्त समाज मोर्चा गठबंधन के बीच दिख रही थी। लेकिन अब ये लड़ाई त्रिकोणीय होगा। किसानों के वोटों के बंटवारे का फायदा कांग्रेस और अकाली गठबंधन को मिल सकता है। बता दें कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल शुरू में दिग्गज किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल को आप में शामिल करा उन्हें पंजाब में सीएम चेहरा बनाना चाहते थे। लेकिन राजेवाल के इंकार के बाद केजरीवाल ने पंजाब में अपने एकमात्र लोकसभा सांसद भगवंत मान को सीएम फेस घोषित कर दिया। 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा के लिए 20 फरवरी को एक चरण में मतदान डाले जाएंगे। जिसका परिणाम 10 मार्च को अन्य चार राज्यों के साथ आएगा।

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