Punjab Election: टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में घमासान, सिद्धू और चन्नी में नहीं बन पा रही सहमति

Punjab Election: विशेष रूप से प्रदेश की 27 सीटों पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है। इन सीटों पर दावेदारी को लेकर पार्टी में खेमेबंदी तेज हो गई है

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update: 2021-12-31 08:03 GMT

नवजोत सिंह सिद्धू-चरणजीत सिंह चन्नी (photo : सोशल मीडिया )

Punjab Election: पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Election) से पहले कांग्रेस (Congress) में शुरू हुआ टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)  की ओर से मुख्यमंत्री पद (mukhyamantri pad) के लिए चेहरा घोषित करने की मांग के बाद अब टिकट बंटवारे (ticket distribution)  को लेकर घमासान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) और सिद्धू अपने-अपने लोगों की पैरवी करने में जुटे हुए हैं।

विशेष रूप से प्रदेश की 27 सीटों पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है। इन सीटों पर दावेदारी को लेकर पार्टी में खेमेबंदी तेज हो गई है और यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व भी असमंजस की इस स्थिति में फंसता दिख रहा है। रैलियों में भी सिद्धू और चन्नी के बीच सामंजस्य बनता नहीं दिख रहा है । दोनों अलग-अलग रैलियों को संबोधित करने में जुटे हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच बढ़ती खींचतान के कारण प्रत्याशियों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की परेशानी भी बढ़ गई है।

27 सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर फंसा पेंच

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्य की 117 सीटों में से 90 सीटों पर सहमति बन गई है । मगर बाकी 27 सीटों (27 seats) पर एक राय नहीं कायम हो पा रही है। इसका प्रमुख कारण यह है कि मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू इन सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवारों को उतारने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। गुरुवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अधिकांश मंत्रियों और विधायकों के नाम पर तो मुहर लगा दी गई । मगर कई सीटों पर मतभेद भी खुलकर सामने आ गए। उम्मीदवार तय करने के मामले में सिद्धू तनिक भी झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। दूसरी ओर चन्नी भी अपने प्रत्याशियों के नाम को लेकर अड़े हुए हैं। हालांकि पार्टी के दूसरे नेता इस मामले को सुलझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं । मगर टकराव खत्म होता नहीं दिख रहा है।

सीएम चेहरे का मुद्दा भी अनसुलझा

सिद्धू चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि बिना दूल्हे के कैसी बारात। उनका कहना है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सीएम चेहरा घोषित न करने के कारण नुकसान उठाना पड़ा था। अबकी बार यही स्थिति कांग्रेस की भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब रैलियों में लोग हमसे इस सवाल का जवाब पूछेंगे तो हमारे पास कोई जवाब नहीं होगा।

दूसरी और पार्टी नेतृत्व सीएम चेहरा घोषित करने के मूड में नहीं है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी का कहना है कि पार्टी की ओर से किसी को भी सीएम चेहरा घोषित नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री चन्नी अपनी रैलियों के दौरान खुद को एक और मौका देने की अपील कर रहे हैं। दूसरी ओर सिद्धू को लग रहा है कि जीत की स्थिति में चन्नी की दावेदारी को नकारना मुश्किल हो जाएगा। जानकारों का मानना है कि इसी कारण वे अप्रत्यक्ष रूप से खुद को सीएम का चेहरा बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं।

मोदी की रैली की तैयारियां,राहुल की सभा स्थगित

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की ओर से रैलियों की शुरुआत तो की जा चुकी है मगर अभी तक पार्टी के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सभा नहीं हो सकी है। राहुल की 3 जनवरी को मोगा में रैली प्रस्तावित थी मगर उनकी विदेश यात्रा के कारण इस रैली को स्थगित कर दिया गया है। दूसरी ओर भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी को प्रस्तावित रैली की तैयारियों में जुटी हुई है। पीएम मोदी 5 जनवरी को भाजपा के चुनाव प्रचार की विधिवत शुरुआत करेंगे। हाल के दिनों में कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है और इस कारण पार्टी का उत्साह भी बढ़ा है। पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन करके दूसरे सियासी दलों को चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई है।

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