Punjab Election: सीएम पद को लेकर सिद्धू के फिर बागी तेवर, कहा- हाईकमान नहीं पंजाब के लोग करेंगे फैसला

Punjab Election: पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू राज्य के मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर बागी तेवर अपनाते दिख रहे हैं। सिद्धू ने इस मुद्दे पर बागी तेवर दिखाते हुए कहा है कि राज्य का अगला सीएम कौन होगा, इस बात का फैसला हाईकमान नहीं बल्कि पंजाब के लोग करेंगे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-01-11 20:24 IST

Punjab Election: पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Punjab State Congress President Navjot Singh Sidhu) राज्य के मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर बागी तेवर अपनाते दिख रहे हैं। पंजाब में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Election) में कांग्रेस की ओर से किसी भी नेता को सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया है। सिद्धू ने इस मुद्दे पर बागी तेवर दिखाते हुए कहा है कि राज्य का अगला सीएम कौन होगा, इस बात का फैसला हाईकमान नहीं बल्कि पंजाब के लोग करेंगे। मीडिया से बातचीत के दौरान सिद्धू (Punjab State Congress President Navjot Singh Sidhu) ने कहा कि पांच साल पहले राज्य के लोगों ने ही विधायकों का चुनाव किया था और उनमें से ही सीएम चुना गया था। इस बार भी विधायकों का चुनाव राज्य के लोगों को ही करना है और सीएम भी राज्य के लोग ही बनाएंगे।

मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद से ही सिद्धू (Punjab State Congress President Navjot Singh Sidhu) के मुख्यमंत्री से रिश्ते सहज नहीं रहे हैं। अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Former Chief Minister Captain Amarinder Singh) पर लगातार हमले किए। कैप्टन (Former Chief Minister Captain Amarinder Singh) के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद नए मुख्यमंत्री बनाए गए चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) के साथ भी सिद्धू के रिश्ते सहज नहीं रहे हैं। वे विभिन्न मुद्दों को लेकर चन्नी सरकार को लगातार घेरते रहे हैं। मुख्यमंत्री चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) की ओर से नियुक्त किए गए डीजीपी और महाधिवक्ता को लेकर सिद्धू ने खुलकर आपत्ति जताई थी और उनके दबाव के कारण ही बाद में चन्नी को नियुक्तियों में बदलाव करना पड़ा।

सियासी जानकारों का मानना है कि सिद्धू की नजर मुख्यमंत्री पद पर है। चन्नी की नियुक्ति के समय वे एक मौका ग॔वा चुके हैं मगर अभी भी उनके मन में मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा पल रही हैं। इसी कारण वे मुख्यमंत्री पद का फैसला पंजाब के लोगों की ओर से किए जाने की ही बात कर रहे हैं।

हाईकमान भी सिद्धू के दबाव में

पंजाब में दलित मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा 32 फीसदी है। फिर भी कांग्रेस की ओर से दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) के चेहरे को आगे नहीं किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि सिद्धू के ही दबाव का नतीजा है कि कांग्रेस नेतृत्व ने चन्नी का चेहरा आगे करके चुनाव लड़ने से परहेज किया।

पार्टी की ओर से सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही जाती रही है मगर सिद्धू अपने लिए बीच-बीच में पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश से बाज नहीं आ रहे हैं। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि सिद्धू के चेहरे को आगे करने पर पार्टी को सियासी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व अभी तक इस कदम से बचता रहा है।

पंजाब मॉडल की कर रहे चर्चा

सिद्धू लोगों के बीच लगातार पंजाब मॉडल की चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मॉडल के बारे में उनकी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से बातचीत हो चुकी है। उनका कहना है कि इस मॉडल में लीकर कारपोरेशन बनाना, केबल रेगुलेटर कमीशन, ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और माइनिंग कारपोरेशन बनाने की बात शामिल है। उनका कहना है कि इस बार के चुनाव में शिगूफेबाजी और जुगाड़ तंत्र कतई नहीं चलने वाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस बेकार की बहस के कारण पंजाब में असली मुद्दे गायब हो गए। हमें जनता से जुड़े असली मुद्दों और गवर्नेंस रिफॉर्म्स की बात करनी होगी। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर हुए पहले भी तंज कस चुके हैं। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री की फिरोजपुर रैली में भीड़ न जुटने पर पीएम को शर्मिंदगी से बचाने के लिए यह सब नाटक किया गया।

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