Punjab Politics: बागी गुट को कैप्टन ने दिखाई ताकत, सिद्धू खेमे को बड़ा झटका, सलाहकारों को हटाने का निर्देश
Punjab Politics: कांग्रेस महासचिव और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी देहरादून से दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने सिद्धू से अपने सलाहकारों को हटाने के लिए कहा है।
Punjab Politics: पंजाब कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) ने भी बागी गुट को अपनी ताकत दिखा दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (Punjab Congress President) नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) खेमे की ओर से अपनी कुर्सी को चुनौती मिलने के बाद कैप्टन ने पहली बार शक्ति प्रदर्शन करते हुए बागी गुट को साफ संदेश दे दिया है कि उन्हें कमजोर नहीं समझा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री की ओर से खेल मंत्री गुरमीत सिंह सोढ़ी के घर पर गुरुवार को आयोजित सियासी डिनर में 58 विधायकों ने हिस्सा लिया।
कैप्टन गुट ने दावा किया है कि इन विधायकों के अलावा आठ सांसद भी मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित इस डिनर में हिस्सा लेने पहुंचे। सियासी जानकारों का मानना है कि डिनर के जरिए कैप्टन ने खुद को चुनौती देने वाले गुट को अपनी ताकत दिखा दी है। दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) भी देहरादून से दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने सिद्धू से अपने सलाहकारों को हटाने के लिए कहा है।
रावत ने पहले ही विवादित बयान देने वाले इन सलाहकारों पर कार्रवाई करने की बात कही थी। माना जा रहा है कि रावत पंजाब की सियासत (Punjab Congress Crisis) में हाल में हुए घटनाक्रमों के संबंध में हाईकमान को अपनी रिपोर्ट देंगे। रावत ने देहरादून में मुलाकात करने वाले बागी गुट को पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब कांग्रेस में चेहरा नहीं बदला जाएगा और पार्टी कैप्टन की अगुवाई में ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections 2022) में मैदान में उतरेगी।
डिनर के जरिए कैप्टन का शक्ति प्रदर्शन
पंजाब कांग्रेस में इन दिनों कैप्टन और सिद्धू खेमे के बीच जोर आजमाइश चल रही है। सिद्धू खेमे से जुड़े मंत्रियों और विधायकों ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करके कैप्टन को सीधी चुनौती दी है। सिद्धू खेमे की बढ़ती सक्रियता के बीच कैप्टन ने भी शक्ति प्रदर्शन का फैसला किया और इसी सिलसिले में गुरुवार को सोढ़ी के घर पर सियासी डिनर का आयोजन किया गया था। विधायकों को डिनर के आमंत्रण में ही साफ कर दिया गया था कि कैप्टन भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।
कैप्टन गुट की ओर से किए गए दावे के मुताबिक इस डिनर में 58 विधायकों और 8 सांसदों ने हिस्सा लिया। इनके अलावा 30 ऐसे नेता भी डिनर में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे जिन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इस डिनर के जरिए यह सियासी संदेश देने की कोशिश की गई कि कैप्टन को सिर्फ हाईकमान का ही समर्थन नहीं हासिल है बल्कि विधायकों का बहुमत भी उनके साथ है। कैप्टन ने सिद्धू को यह संदेश भी दे दिया है कि भले ही वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए हैं मगर पार्टी उनकी अगुवाई में ही चलेगी।
कमजोर पड़ा सिद्धू का खेमा
दूसरी ओर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाला सिद्धू का खेमा अब कमजोर पड़ता दिख रहा है। सिद्धू खेमे से जुड़े तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, परगट सिंह, चरणजीत सिंह, सुख सरकारिया और सुखविंदर सिंह ने बुधवार को देहरादून जाकर कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की थी मगर रावत ने इन नेताओं को दो टूक जवाब देते हुए साफ कर दिया कि कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कैप्टन की अगुवाई में मैदान में उतरेगी।
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद पर सिद्धू की ताजपोशी जरूर की गई है मगर पंजाब में कांग्रेस का चेहरा कैप्टन ही होंगे। कैप्टन की ओर से गुरुवार को आयोजित डिनर में तीनों मंत्री बाजवा, रंधावा और सरकारिया ने हिस्सा नहीं लिया मगर कैप्टन ने अपनी ताकत दिखाते हुए इन तीनों मंत्रियों को संदेश दे दिया है कि उन्हें उनकी अगुवाई में ही आगे भी काम करना होगा।
विवादित बयान देने वाले सलाहकारों पर गिरी गाज
इस बीच बागी खेमे से मुलाकात करने के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत दिल्ली पहुंच गए हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रावत पंजाब में सरकार और पार्टी की स्थिति के बारे में हाईकमान को अपनी रिपोर्ट देंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक रावत ने सिद्धू से अपने सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और डॉक्टर प्यारे लाल गर्ग को हटाने को कहा है। इन दोनों सलाहकारों ने पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर विवादित बयान देने के साथ ही कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सलाहकारों को हटाने का निर्देश सिद्धू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
रावत ने पहले ही दिया था कार्रवाई का संकेत
रावत ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि सिद्धू के सलाहकारों के बयानों की जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो पार्टी की ओर से कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर पार्टी का रुख पहले से ही स्पष्ट है और पार्टी से जुड़े लोगों को पार्टी लाइन पर ही चलना होगा।
बागी गुट से मुलाकात के दौरान रावत ने स्पष्ट कर दिया था कि कैप्टन चुनावी वादों को पूरा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं और यदि इसके बाद भी विधायकों की कुछ शिकायतें हैं तो उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब में कांग्रेस का चेहरा कैप्टन ही होंगे। माना जा रहा है कि रावत से मुलाकात के बाद हाईकमान की ओर से पंजाब कांग्रेस के संबंध में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
रावत के रुख से बागी गुट को लगा झटका
इस बीच रावत की ओर से दिए गए सख्त संदेश को सिद्धू गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि रावत ने पंजाब कांग्रेस के संबंध में हाईकमान का रुख बागी गुट को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। रावत के रुख से कैप्टन का तख्तापलट करने में जुटे बागी गुट को करारा झटका लगा है। यद्यपि बागी गुट ने अभी भी हार नहीं मानी है।
बागी गुट से जुड़े नेताओं का कहना है कि अब वे इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उनका कहना है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से किए गए कई वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। ऐसे में कांग्रेस को आने वाले विधानसभा चुनाव में झटका लग सकता है। इसलिए नेतृत्व परिवर्तन की उनकी मांग में दम है। वैसे कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हाईकमान के रुख को देखते हुए अब यह स्पष्ट हो गया है की बागी गुट की कैप्टन को हटाने की मुहिम कामयाब नहीं होने वाली है।
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