Punjab Politics: अपनी ही सरकार के लिए मुसीबत बने सिद्धू, अब नशे के मुद्दे को लेकर उठाए सवाल

Punjab Politics: सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने नशे के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए कई सवाल खड़े कर दिए।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update: 2021-08-10 07:00 GMT

Punjab Politics: पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के आक्रामक तेवर बरकरार हैं। अपने आक्रामक तेवरों की वजह से वे बीच-बीच में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) सरकार के लिए भी मुश्किलें पैदा करने से बाज नहीं आते। सोमवार को भी उन्होंने नशे के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए कई सवाल खड़े कर दिए।

उन्होंने पंजाब पुलिस की ओर से गठित एसआईटी (SIT) की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (High Court) में एसआईटी की ओर से दाखिल जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मांग की।

पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक भी हो चुकी है मगर अभी भी दोनों के रिश्ते सहज नहीं हो पाए हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि सिद्धू के रुख से साफ है कि वे अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने से परहेज नहीं कर रहे। वे समय-समय पर चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी की ओर से किए गए वादों को पूरा करने पर भी दबाव डालते रहे हैं। कांग्रेस के ही कुछ नेताओं का मानना है कि ऐसा करके वे अपनी ही सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं।

नशे के मुद्दे पर सरकार को घेरा

पंजाब कांग्रेस में सिद्धू और कैप्टन के बीच मतभेदों को दूर करने की हाईकमान की कवायद सफल होती नहीं दिख रही है। सोमवार को सिद्धू की ओर से किए गए कई ट्वीट से साफ है कि वे अपनी ही सरकार की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर सवाल उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा कि पंजाब में नशे की बिक्री रोकने और बड़ी मछलियों को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस की ओर से एसआईटी का गठन किया गया था। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि एसआईटी की ओर से क्या कार्रवाई की गई है।

रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग

उन्होंने कहा कि 2018 में एडीजी हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व में एसटीएफ ने विक्रमजीत सिंह मजीठिया और अन्य लोगों के नशा तस्करी में शामिल होने के मामले में ईडी की ओर से दर्ज किए गए बयानों पर सबूतों की जांच की थी। बाद में इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में रिपोर्ट भी दाखिल की गई थी। उन्होंने इस जांच रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक करने की मांग की ताकि लोगों को नशा तस्करी के मामले की असलियत का पता लग सके।

पंजाब में नहीं लागू होंगे नए कृषि कानून

पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से सिद्धू लगातार सक्रिय बने हुए हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मीटिंग करने में जुटे हुए हैं। पटियाला में कांग्रेस विधायक मदनलाल जलालपुर के आवास पर कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों की बैठक में सिद्धू ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लागू कृषि कानूनों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पंजाब में इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने तीनों कानूनों को काले कानून की संज्ञा देते हुए कहा कि पंजाब में किसान इन तीनों कानूनों के खिलाफ हैं। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ी है।

कैप्टन के साथ बैठक में हल होंगे मुद्दे

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी ताकत दिखाने में जरूर कामयाब होगी मगर इसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। सरकार को भी जनता से जुड़े हुए मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक करके सभी मुद्दों को हल करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों को खत्म करने पर तुली हुई है और केंद्र सरकार के इस कदम को कांग्रेश बर्दाश्त नहीं करेगी। 

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