Kota New Guidelines: 9वीं कक्षा से पहले नहीं मिलेगा एडमिशन, पढ़ें कोचिंग हब कोटा के लिए नए निर्देश
Kota New Guidelines: सरकार की ओर से जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
Kota New Guidelines: देश के कोचिंग हब कोटा में प्रतियोगी छात्रों द्वारा आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान सरकार ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। जारी की गई नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब 9वीं कक्षा से पहले छात्रों को कोचिंग संस्थानों में एडमिशन नहीं दिया जाएगा। छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों को दी गई है।
दरअसल, कोटा में आत्महत्यों को रोकने के लिए पिछले दिनों अशोक गहलोत सरकार ने शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में शामिल सभी एक्सपर्ट ने लंबे अध्यन के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कई तरह के सुझाव तय किए गए हैं। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को सौंप दी गई है। सरकार की ओर से जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जारी की गई नई गाइडलाइन
नई गाइडलाइंस के मुताबिक नौंवीं कक्षा से पहले छात्रों को किसी भी तरह की कोचिंग में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। साथ ही दसवीं कक्षा या इससे ऊपर की कक्षा में अध्यनरत छात्र अगर कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाते हैं तो कोचिंग संस्थान असेसमेंट रिजल्ट को सार्वजनिक नहीं करेंगे। प्रत्येक सप्ताह डेढ़ दिन का अवकाश अनिवार्य होगा। बच्चों और शिक्षकों का अनुपात सही करने, ‘इजी एग्जिट’ और हेल्पलाइन सेवाएं तथा निगरानी व्यवस्था को 24 घंटे सुचारू रूप से चलाए जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए संस्थानों द्वारा रिफंड पॉलिसी को अपनाने पर भी जोर दिया गया। काउंसलिंग और ट्रेनिंग संबंधित दिशा निर्देश भी जारी किए गए। छात्रों पर मानसिक दबाव को कम करने के लिए भी कई उपाय सुझाए गए हैं।
साल 2023 में 23 छात्रों ने की आत्महत्या
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश के कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर में इस साल 23 छात्रों ने आत्महत्या की है, जो अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था। राज्य में चल रहे कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में तनाव कम करने और उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।