Rajasthan: रमजान में बिजली न काटने के आदेश पर घिरी गहलोत सरकार, वोट बैंक की सियासत का लगा आरोप

Rajasthan Latest News: गहलोत सरकार रमजान महीने में बिजली न काटने का आदेश दिया है, जिस पर बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update: 2022-04-05 13:18 GMT

गजेंद्र सिंह शेखावत (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Rajasthan Latest News: राजस्थान में रमजान (Ramadan) महीने के दौरान बिजली न काटने के आदेश को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा (BJP) ने इस आदेश को लेकर राज्य की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) पर बड़ा हमला बोला है और वोट बैंक (Congress Vote Bank) की सियासत करने का आरोप लगाया है। राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया है।

मजे की बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) पर ध्रुवीकरण की सियासत करने का आरोप लगाया था। अब इस आदेश के बाद वे खुद ही घिरते हुए नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस की सोच से पैदा होती है घृणा

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से जारी आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस आदेश में कहा गया है कि रमजान का महीना होने के कारण रोजेदारों को भीषण गर्मी में परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में बिना किसी कटौती के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। बिजली विभाग के सहायक प्रबंध निदेशक की ओर से यह आदेश सभी विद्युत अभियंताओं को जारी किया गया है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इस आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गहलोत सरकार के इशारे पर यह आदेश जारी किया गया है। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि इसके पीछे वोट बैंक की सियासत छिपी हुई है।

इस आदेश को पढ़कर कांग्रेस की सोच का पता चलता है और उसकी सोच से घृणा की भावना पैदा होती है। उन्होंने कहा कि सद्भाव के नाम पर गहलोत एक समुदाय को सेलेक्ट और दूसरे को नेगलेक्ट नहीं कर सकते। करौली में हुई घटना में वे अपना सियासी खेल पहले ही दिखा चुके हैं।

पूनावाला ने बताया तुष्टीकरण का कदम

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने भी राजस्थान में जारी हुए इस आदेश पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि करौली में मुख्य आरोपी को बेशर्मी से बचाया गया। कांग्रेस पार्षद मतलूब अहमद की गिरफ्तारी नहीं की गई। अब गहलोत सरकार की ओर से तुष्टीकरण का एक और कदम उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान मुस्लिम इलाकों के लिए तो आदेश जरूर जारी कर दिया गया मगर सवाल यह है कि नवरात्रि के मद्देनजर क्या हिंदू इलाकों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया है? उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है।

इस्लामिक नेशनल कांग्रेस

उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए भी कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आईएनसी का मतलब इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं है बल्कि इस्लामिक नेशनल कांग्रेस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का तुष्टीकरण और वोट बैंक वाला चेहरा उभर कर सबके सामने आ गया है। राजस्थान सरकार पहले से ही कटघरे में खड़ी है क्योंकि वह करौली हिंसा के मुख्य आरोपी को अभी तक नहीं पकड़ पाई है। कांग्रेस सरकार का भेदभावपूर्ण आदेश कभी सेक्युलर नहीं माना जा सकता है। 

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