Rajasthan: चित्तौड़गढ़ में दलित बुजुर्ग को मिली तालिबानी सजा, सिर पर जूते रखवा मंगवाई माफी

Rajasthan News: एक तरफ जहां दलित संगठन ने आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पीड़ित परिवार को अन्य जगहों से धमकियां मिल रही हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-09-20 06:11 GMT

Chittorgarh elder Dalit got Taliban punishment (photo: social media)

Rajasthan News: चुनावी राज्य राजस्थान से दलित उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया है। यहां एक दलित बुजुर्ग को उसकी गलती के लिए समाज द्वारा तालिबानी सजा दी गई। उसके सिर पर जूते रखवाकर लोगों की भीड़ के सामने हाथ जोड़कर माफी मंगवाई गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बवाल मच गया। एक तरफ जहां दलित संगठन ने आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पीड़ित परिवार को अन्य जगहों से धमकियां मिल रही हैं।

मामला चित्तौड़गढ़ जिले के बेंगू क्षेत्र के दुगार गांव का है। पुलिस ने 70 वर्षीय बुजुर्ग डालू सालवी की शिकायत पर 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब तक तीन लोगों के गिरफ्तारी की खबर है। घटना की शिकायत मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी और मानवाधिकार आयोग से भी की गई है। दलित संगठनों ने पुलिस-प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी दी है।

क्या है पूरा मामला ?

मिली जानकारी के मुताबिक, दुगार गांव का रहना वाला बुजुर्ग (पीड़ित) और उनका एक साथ भगवान देवनारायण की बगड़ावत सुनाते हैं। दोनों ने करीब तीन माह पहले खुटिया गांव में कथा का मंचन किया था। लोगों का आरोप है कि गीत गाते समय बुजुर्ग ने देवी-देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणी की। दरअसल, कथा के दौरान लोगों का इस तरफ ध्यान नहीं किया गया। कुछ दिनों बाद जब इसका वीडियो वायरल हुआ तब गुर्जर समाज के लोग इससे नाराज हो गए।

बीते 16 सितंबर को दुगार में पंचायत बुलाई गई, जिसमें बुजुर्ग और उनके साथी को भी बुलाया गया। बुजुर्ग के साथी भूरालाल गुर्जर को इस अपराध के लिए 1100 रूपये का अर्थदंड सुनाया गया जबकि पीड़ित को जूते सिर पर रखकर माफी मांगने को कहा गया। इसके बाद बुजुर्ग के सिर पर कुछ लोगों ने जूते रख दिए और पीड़ित ने फरमान के मुताबिक सभी से माफी मांगी।

जान से मारने की मिल रही धमकी

पंचायत में सिर पर जूता रखकर माफी मांगने के बावजूद पीड़ित बुजुर्ग को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पीड़ित इतना डरा हुआ है कि 16 सितंबर के बाद से उसके घर से कोई बाहर नहीं निकला है। दलित संगठनों द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद पुलिस ने एक्शन में तेजी दिखाई है। चित्तोड़गढ़ एसपी राजन दुष्यंत से दलित संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मिलने पहुंचा और मामले की सारी जानकारी दी। इस केस की जांच डीएसपी लेवल के अधिकारी कर रहे है। जिन जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, उनकी तलाश जारी है।

बता दें कि राजस्थान में अगले महीने विधानसभा चुनाव कराए जाने का ऐलान हो सकता है। राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। आदिवासी और दलित समुदाय से जुड़े लोगों के उत्पीड़न और अत्याचार की घटनाएं सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। बीजेपी लगातार खराब कानून व्यवस्था को मुद्दा बना गहलोत सरकार को घेर रही है।

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