Rajasthan New CM: राजस्थान में सीएम को लेकर संशय बरकरार, गहलोत के बाद पायलट भी सोनिया से मिले

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-09-29 21:51 IST

गहलोत के बाद पायलट भी सोनिया से मिले। (Social Media)

Rajasthan New CM: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) के बाद राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) ने भी आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी Sonia Gandhi) से मुलाकात की। राजस्थान में हाल में हुए सियासी बवाल के बाद इस मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि उन्होंने रविवार को हुए सियासी घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष से लिखित माफी मांग ली है मगर सोनिया की नाराजगी को देखते हुए उनके मुख्यमंत्री पद को लेकर भी संशय की स्थिति पैदा हो गई है। 

कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में हम राजस्थान में फिर सरकार बना सकें, इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। जानकारों का कहना है कि पायलट को संगठन या सत्ता में बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय है। इस बीच कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एडवाइजरी जारी करते हुए राजस्थान के कांग्रेस नेताओं और विधायकों को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने वाले नेता के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

दो दिनों में सीएम पद को लेकर फैसला

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद गहलोत के राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में सियासी भविष्य को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं। गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर अहम बयान दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या अशोक गहलोत आगे भी सीएम बने रहेंगे, वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार इस मुद्दे पर मंथन में जुटी हुई हैं और वे दो दिनों में इस बाबत फैसला लेंगी। 

वेणुगोपाल ने कहा कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए आखिरी तारीख है। कल नामांकन का समय समाप्त होने के बाद अध्यक्ष पद को लेकर भी तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें कल तक का इंतजार करना होगा। 

राजस्थान के नेताओं को सख्त संदेश 

वेणुगोपाल ने राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं को पार्टी के अंदरूनी मसलों पर बयानबाजी से बाज आने की हिदायत दी है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि पार्टी के अंदरूनी मामले को लेकर सार्वजनिक बयानबाजी करने वालों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दरअसल गहलोत और पायलट खेमे के नेता इन दिनों एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 

दोनों खेमों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है। गहलोत खेमा पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के कदम के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहा है। अब पायलट खेमे के विधायक भी खुलकर सामने आ गए हैं। पार्टी हाईकमान में इस बयानबाजी को रोकने के लिए ही सख्त एडवाइजरी जारी की है।

पायलट को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी 

सचिन पायलट की कांग्रेस अध्यक्ष से आज की मुलाकात भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। गहलोत और पायलट की सोनिया से मुलाकात के बाद सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में पायलट को संगठन या सत्ता में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का समय समाप्त होने के बाद ही सोनिया गांधी इस बाबत फैसला लेगी। 

घटनाक्रम पर गहलोत ने अफसोस जताया

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि हम पिछले 50 साल से कांग्रेस के वफादार सिपाही के रूप में काम कर रहे हैं और हमने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मैं कांग्रेस महासचिव बनने के साथ ही तीन बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बना। कई प्रदेशों में मैंने प्रभारी के रूप में भी काम किया है। सोनिया गांधी की वजह से ही मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने में कामयाबी मिली।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान के सियासी घटनाक्रम ने मुझे हिला कर रख दिया है और मेरे बारे में पूरे देश में गलत संदेश गया है। मेरे बारे में पूरे देश में यह संदेश फैल गया कि मैं सीएम पद पर बने रहना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमेशा एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने की परंपरा रही है मगर कुछ कारणों की वजह से मैं रविवार को यह प्रस्ताव पारित नहीं करा सका। मुझे हमेशा इस बात का पछतावा रहेगा। इसी कारण मैंने सोनिया गांधी से पूरे घटनाक्रम पर खेद जताया है।

सीएम पद को लेकर संशय की स्थिति 

सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के बाद गहलोत के बयान से उनके मुख्यमंत्री पद को लेकर भी संशय की स्थिति पैदा हो गई है। मीडिया की ओर से इस बाबत सवाल पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि इस संबंध में आखिरी फैसला सोनिया गांधी ही करेंगी। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हटने की घोषणा देखते हुए माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की नाराजगी अभी भी बनी हुई है।

 वैसे गहलोत खेमे के विधायकों के तेवर को देखते हुए यह भी साफ है कि कांग्रेस नेतृत्व के लिए उन्हें हटाना आसान नहीं होगा। राजस्थान कांग्रेस पर गहलोत की मजबूत पकड़ को देखते हुए उनकी इच्छा के खिलाफ फैसला लेना भी हाईकमान के लिए कठिन माना जा रहा है। 

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