कोयले को लेकर दो कांग्रेस शासित राज्यों में ठनी, सोनिया गांधी भी नहीं निकाल पाईं रास्ता
राजस्थान में कोयला संकट की वजह से राजस्थान और छत्तीसगढ़ के संबंधों में दरार आ चुकी है। वहीं, कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से इस संबंध में हस्तक्षेप किया, लेकिन अब तक इस मामले में छत्तीसगढ़ द्वारा कोई सकारात्मक प्रगति नहीं की जा सकी है।
Coal Crisis In Rajasthan: देश के सियासी नक्शे से विलुप्त होने के कगार पर पहुंची कांग्रेस (Congress) के अब इक्का – दुक्का राज्यों में ही मुख्यमंत्री बचे हैं। ऐसे में जब इन्हीं राज्यों के मुख्यमंत्री के बीच किसी मुद्दे पर ठन जाए, तब विपक्ष के लिए राह और आसान हो जाती है। जी हां, इन दिनों कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan) और कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीच रिश्ते असहज हो चुके हैं। राजस्थान में कोयला संकट की वजह से दोनों राज्यों के संबंधों में दरार आ चुकी है।
क्या है मामला
राजस्थान इन दिनों जबरदस्त कोयला संकट (coal crisis) का सामना कर रहा है। राज्य में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्ति के कगार पर पहुंच चुका है और गर्मियों का सीजन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में जल्द से जल्द कोयले की सप्लाई सुनिश्चित नहीं की गई तो राज्य में बिजली के लिए हाहाकार मच सकती है। भीषण गर्मी का सामना करने वाले राजस्थान में यह संकट गहलोत सरकार को मुश्किल में डाल सकती है। लिहाजा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कई बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को खत लिखकर केंद्र द्वारा आवंटित कोयला खदान से कोयला निकालने की अनुमति देने की मांग कर चुके है। लेकिन अब तक इसका कोई असर कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पर नहीं हुआ है।
सोनिया भी नहीं सुलझा चुकीं मसला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) द्वारा अपेक्षित सहायता न किए जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने इसे लेकर तीन बार सोनिया गांधी को खत लिखा, लेकिन अब तक इस मामले में छत्तीसगढ़ द्वारा कोई सकारात्मक प्रगति नहीं की जा सकी है।
छ्त्तीसगढ़ जाएंगे गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अब तक कई बार छ्त्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को कोयले के आर्पूर्ति के संबंध में खत लिख चुके हैं। लेकिन अब तक उनकी तरफ से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। लिहाजा गहलोत ने अब स्वयं छत्तीसगढ़ जाने का फैसला लिया है। जहां वे छ्त्तीसगढ़ सीएम और अपने सहयोगी भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) से मुलाकात कर राजस्थान के हिस्से में आने वाली कोयला खदानों से कोयला निकालने की अनुमति दिए जाने के संबंध में चर्चा करेंगे।
बता दें कि पंजाब में सत्ता गंवाने के बाद अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ ही ऐसे दो राज्य बचे हुए हैं, जहां कांग्रेस का अपना मुख्यमंत्री है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल को मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस का सबसे कद्दावर नेता माना जा रहा है, जिसने अपने – अपने राज्यों में बीजेपी को रोक कर रखा है। दोनों ही राज्य अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे हैं। ऐसे में राजस्थान में उपजा कोय़ले का संकट गहलोत सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।