Dr Archana Suicide Case: सुप्रीम कोर्ट में चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की मांग
Rajasthan News : डॉ. अर्चना सुसाइड केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले को लेकर S में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाए जाने की मांग को लेकर एक अर्जी दाखिल की गई है।
Dr Archana Suicide Case : राजस्थान के दौसा जिले में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या का मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच चुका है। मंगलवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में एक अर्जी दाखिल की गई, जिसमें देश के सभी राज्यों में कार्यरत डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नीतियां बनाने की मांग की गई है। पेशे से वकील शशांक देव सुधि ने सर्वोच्च न्यायालय में यह अर्जी दाखिल की है। वहीं इस मामले को लेकर राजस्थान में डॉक्टर आक्रोशित हैं।
डॉक्टरों की हड़ताल
शनिवार को डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य में सराकरी औऱ निजी चिकित्सा सेवा ठप हो गई। डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड केस में तीन पुलिसकर्मियों समेत छह आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर राज्यभर में चिकित्सा सेवा बंद करने का आह्वान चिकित्सा संघों ने किया था। डॉक्टरों की ये हड़ताल रविवार को भी जारी रही। जिससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकुल असर देखऩे को मिला। मरीज उपचार के लिए इधर-उधर भटक रहे थे।
राज्यभर में सभी निजी और सरकारी नर्सिंह होम बंद रहे। निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा भी ठप रहीं। वहीं सरकारी डॉक्टरों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा कि हमारा विरोध मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा। हम डॉ अर्चना शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
क्या है मामला?
दौसा जिले के लालसोट में एक प्राइवेट अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा ने 29 मार्च को कथित तौर पर फंदे से लटकर सुसाइड कर ली थी। डॉ अर्चना के खिलाफ सोमवार को उनके ही अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत को लेकर उनपर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। जिससे वो तनाव में थीं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना के अगले दिन यानि बुधवार को डॉ अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या किए जान पर दुख जताया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बख्सा नहीं जाएगा। हम डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। लेकिन अबतक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिससे डॉक्टरों में रोष है।