Earthquake Today: भूंकप से कांपा जालोर, रिक्टर स्केल पर 4.6 रही तीव्रता

Earthquake Today: जालोर में आज (20 नवंबर) सुबह 2:26 बजे रिक्टर स्केल पर 4.6 की तीव्रता वाला भूकंप महसूस किया गया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-11-20 08:55 IST

भूकंप (डिजाइन फोटो - न्यूजट्रैक)

Earthquake Today: जालोर से एक बड़ी खबर सामने आई है। जालोर के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के अनुसार, राजस्थान के जालोर में आज (20 नवंबर) सुबह 2:26 बजे रिक्टर स्केल पर 4.6 की तीव्रता वाला भूकंप (bhukamp) महसूस किया गया है।

राजस्थान के जालोर में सुबह 2:26 बजे 4.6 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले गुरुवार (18 नवंबर) को जोधपुर की धरती भूंकप से हिली थी। यहां तड़के 3.30 बजे भूकंप आया था। इस दौरान आबूरोड़, पिंडवाडा, स्वरूपगंज समेत कई इलाकों में भूकंप के झटकों को महसूस किया गया।

राजस्थान के अलावा मंगलवार (16 नवंबर) को  गुजरात के बनासकांठा के पास राजस्थान की सीमा पर भी भूकंप आया है। उस दौरान रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 थी। गांधीनगर में स्थित भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान (Seismology Research Institute) ने भूकंप की पुष्टि करते हुए बताया था कि भूकंप का केंद्र राजस्थान के पाली जिले के पास स्थित सुमेरपुर के समीप था। यहां शाम करीब 7:25 बजे भंकूप के झटकों को महसूस किया गया था।

16 नवंबर को ही मणिपुर में भी भूकंप के झटके (Bhukamp Ke Jhatake) महसूस किए गए थे। यहां सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर भूकंप आया था। इस दौरान भूकंप की तीव्रता (Bhukamp Ki Tivrata) रिक्टर स्केल पर 3.8 दर्ज की गई है।

इसी माह में भूकंप ने जम्मू-कश्मीर की धरती को भी हिलाया था। 2 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई थी। भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप के ये झटके सुबह 9.31 पर महसूस किए गए थे।

भूकंप कैसे आता है (Bhukamp Kaise Aata Hai)?

क्या आपको मालूम है कि भूकंप कैसे आता है? बता दें कि धरती के अंदर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। अगर ये प्लेटें अचानक आपस में टकरा जाती है तो भूकंप आता है। इसे ऐसे समझें, प्लेटें आपस में टकराने के बाद एक फॉल्ट लाइन जोन बनता है, जिसके बाद सतह के कोने मुड़ जाते हैं। ऐसा होने पर दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन्हीं प्लेट्स के टूटने की वजह से अंदर की जो एनर्जी होती है वो बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिस वजह से धरती हिलती है और जिसे भूकंप कहा जाता है।

Tags:    

Similar News