Jaipur Bomb Blast Case: जयपुर हाईकोर्ट ने पलटा फैसला, फांसी की सजा पाने वाले आरोपी बरी
Jaipur Bomb Blast Case: राजस्थान हाईकोर्ट ने बम ब्लास्ट में शामिल सभी 4 दोषियों को बरी कर दिया है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने 28 अपीलों को आज यानी बुधवार को मंजूर करते हुए अपना फैसला सुनाया।
Jaipur Bomb Blast Case: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बड़ी राहत दी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने बम ब्लास्ट में शामिल सभी 4 दोषियों को बरी कर दिया है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने 28 अपीलों को आज यानी बुधवार को मंजूर करते हुए अपना फैसला सुनाया। जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले में जांच अधिकारी को लीगल जानकारी नहीं है। इस मामले में विशेष न्यायालय (Special Court) ने 20 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी।
कोर्ट ने चार आरोपियों को सुनाई थी फांसी की सजा
हाईकोर्ट में डैथ रेफरेंस पर करीब 48 दिनों तक सुनवाई चली थी। सभी पक्षों के मौखिक तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। सैफूर्रहमान, सैफ, सलमान और सरवर आजमी को निचली अदालत ने अपनी फैसला में फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा- जांच अधिकारी को लीगल जानकारी नहीं है। हाईकोर्ट ने जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। दरअसल 20 दिसंबर 2019 को 2008 में जयपुर में हुए बम ब्लास्ट मामले में आरोपी सैफुर रहमान को फांसी की सजा दी थी। वहीं, अन्य तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी थी। 2008 में हुए इन धमाकों ने पिंकसिटी जयपुर को दहला दिया था। इस धमाकों में 71 लोगों ने अपनी जान गवाई थी। इसमें 176 लोग घायल हो गए थे। जयपुर ब्लास्ट के अन्य दो आरोपियों को नई दिल्ली के बटला हाउस में 2008 के एनकाउंटर में पुलिस ने मार दिया था।
घटना के बाद राज्य सरकार ने किया था एटीएस का गठन
जयपुर सीरियल ब्लास्ट के बाद पुलिस ने पिंकसिटी के प्रमुख बाजारों और रोड पर 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। इस ब्लास्ट के समय एक भी सीसीटीवी नहीं लगा था। राज्य सरकार ने इस घटना के बाद एटीएस राजस्थान का गठन किया था। इसमें कमांडोज की एक अलग विंग बनाई गई थी। जिसका नाम है इमरजेंसी रेस्पांस टीम (ईआरटी)। यह टीम अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है।