Jodhpur Cylinder blast: जोधपुर में मृतकों की संख्या 31 हुई, अस्पताल में रोजाना हो रही मौतें
Jodhpur cylinder blast: जोधपुर के एक गाँव में शादी समारोह में हुए हादसे के 8 दिन बाद भी मौत का आंकड़ा लगातर बढ़ रहा है। बीते गुरुवार को 4 और महिलाओं ने दम तोड़ दिया।
Jodhpur cylinder blast: मंगल गीतों का माहौल अचानक चीखों - चीत्कारों में बदल गया, काम की भाग – दौड़, भगदड़ में बदल गयी और बदल गयी शादी की जगह शमशान में। राजस्थान के जोधपुर में ये सब तब हुआ, जब एक शादी में शामिल लोगों के बीच अचानक आग लगी और सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। इस आग ने वहाँ मौजूद किसी को भी नहीं बक्शा। कम हाइट होने की वजह से बच्चों पर इसका असर ज्यादा हुआ। कुछ लोग तो अस्पताल भी नहीं पहुँच पाए उससे पहले ही उनकी मृत्यु हो गयी।
कहाँ – कब – कैसे हुआ हादसा?
8 दिसम्बर को जोधपुर में शेरगढ़ इलाके में एक विवाह समारोह में अचानक सिलेंडर फट गए। हादसा इतना भीषण था कि वहां मौजूद लोगों को समझने – भागने जितना वक़्त भी नहीं मिला। खाना बनाते समय दो सिलेंडर ने आ पकड़ ली और दोनों में ही ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में दुल्हे के माता पीता की भी मृत्यु हो चुकी है। अभी भी जोधपुर के गांधी हॉस्पिटल में 18 घायल जीवन – मृत्यु के बीच झूल रहे हैं। हादसे के दिन ये मृत्यु का आंकड़ा 6 था, जो लगातार बढ़ते हुए 31 तक जा पहुंचा है, ये संख्या अब चिंता और बढ़ा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि घायलों में इन्फेक्शन फ़ैल गया है जिसकी वजह से घावों और शरीर में पानी भरने लगा है और सूजन आ गयी है। इस वजह से इलाज में और ज्यादा दिक्कतें आ रही है।
गुरुवार, 15 दिसम्बर को 4 और महिलाओं ने दम तोड़ दिया। 31 मृतकों में 9 बच्चे भी शामिल हैं. इस हादसे में 60 से ज्यादा लोग झुलसे से। इस हिसाब से 50 फीसदी लोगों की मृत्यु हो चुकी है और घायलों को ले कर असमंजस अभी भी बना हुआ है। डॉक्टर्स की पूरी टीम 24 घंटे मरीजों की देख – रेख कर रही है और लगातार इसकी अपडेट उच्चाधिकारियों को दे रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल में जा कर घायलों से मुलाकात की और डॉक्टर्स की टीम को निर्देशित किया। घायलों का हालचाल जानने, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी अस्पताल पहुंचे और बेहतर इलाज़ और मुआवजे का आश्वासन दिया।
मामला संसद तक में, एयरलिफ्ट कर घायलों को बचाने की मांग
जोधपुर, शेरगढ़ के भूंगरा गाँव के इस हादसे को ले कर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में भी मुद्दा उठाया और चिकितिस्कीय सुविधाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी लिखित पत्र लिखा. गाँव वालों और घायलों के परिजनों की मांग है कि अभी भी घायलों के इलाज़ में लापरवाही ना बरती आए, अगर जरूरत पड़े तो घायलों को एयरलिफ्ट कर दुसरे अस्पतालों या जहाँ भी इनकी जान बचाई जा सके वहां ले जाने की व्यवस्था जल्दी से जल्दी की जाए।
सरकार – सत्ता क्या कर रही है?
अशोक गहलोत ने कहा की राजस्थान चिरंजीवी योजना के तहत ही सभी का इलाज़ होगा। इलाज़ में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो इसकी भी नीति – नियम बनाए जाएं। इस घटना की गहनता से जांच हो। सिलेंडर एजेंसी को भी इसमें आगे आ कर पहल करनी चाहिए और मदद के लिए हाथ बढाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस समय सभी को घायलों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। ये समय घायलों की जान बचाने का है, राजनीति का नहीं। हनुमान बेनीवाल भी घायलों से मुलाक़ात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पीएम सहायता कोष से भी सहायता की बात पीएमओ तक पहुंचाई गयी है। पीएमओ ने जांच के लिए आदेश भी दिए हैं और जानकारी भी मांगी है। उम्मीद है जल्दी ही इस पर एक्शन लिया जाएगा।