Rajasthan: राजस्थान में सियासी तकरार के बीच माकन ने किया किनारा, खड़गे पर बढ़ा फैसला लेने का दबाव

Rajasthan: राजस्थान में गत 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत का समय कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के साथ माकन भी पर्यवेक्षक की भूमिका में जयपुर में मौजूद थे। ऐसे में उनकी चिट्ठी के अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-11-16 11:51 GMT

Congress leader Ajay Maken (Image: Social Media)

Rajasthan News: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमों में बढ़ती तकरार के बीच कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने बड़ा कदम उठाया है। माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राजस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि वे अब वे राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी की भूमिका नहीं निभाना चाहते।

राजस्थान में गत 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत का समय कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के साथ माकन भी पर्यवेक्षक की भूमिका में जयपुर में मौजूद थे। ऐसे में उनकी चिट्ठी के अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। पार्टी में यह भी चर्चा सुनी जा रही है कि गहलोत पर अभी तक कोई एक्शन न लिए जाने के कारण दुखी होकर उन्होंने यह कदम उठाया है। हालांकि माकन ने अभी तक इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।

गहलोत समर्थकों के निशाने पर माकन

कांग्रेस में गत 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए खड़गे के साथ माकन को भी पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा गया था। हालांकि गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवर दिखाने और समानांतर बैठक करने के कारण कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी थी। गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा तक सौंप दिया था। गहलोत समर्थकों ने माकन पर भी पायलट की तरफदारी करने का बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि माकन लगातार विधायकों को गहलोत के खिलाफ भड़का रहे थे।

राजस्थान के प्रभारी का पद छोड़ने की इच्छा

इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गहरी नाराजगी जताई थी। माकन ने पूरे प्रकरण को लेकर पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट भी सौंपी थी मगर अभी तक इस रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में माकन की ओर से राजस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जताने का अलग मतलब निकाला जा रहा है। माकन की इस चिट्ठी के बाद खड़गे पर राजस्थान के संबंध में जल्द फैसला लेने का दबाव बढ़ गया है।

सचिन पायलट ने भी हाल में पार्टी अध्यक्ष खड़गे और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ लंबी बैठक की थी। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि इस बैठक के दौरान इन नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई।

फिर गरमा गया है राजस्थान का मुद्दा

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के कारण राजस्थान का मामला कुछ दिनों से ठंडा पड़ा था मगर हाल के दिनों में यह मामला एक बार फिर गरमाता दिख रहा है। सचिन पायलट की ओर से पार्टी नेतृत्व पर लगातार राजस्थान के संबंध में जल्द फैसला लेने का दबाव डाला जा रहा है। पायलट का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने इस बाबत दो-तीन दिनों में फैसला लेने की बात कही थी मगर इतना लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया।

उधर जयपुर में पायलट समर्थकों भी राजस्थान के संबंध में जल्द फैसला लेने की मांग कर रहा है। पायलट समर्थकों का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर में राजस्थान पहुंचने वाली है और उससे पहले पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन करके पायलट को कमान सौंपी जानी चाहिए।

इस बीच पायलट समर्थक माने जाने वाले वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी राजस्थान के सियासी संकट को हवा दे दी है। उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने राजस्थान के संबंध में फैसला ले लिया है। उसे बस सुनाया जाना बाकी है। राजस्थान के कांग्रेस विधायकों की भावनाओं के अनुरूप जल्द ही राज्य में बड़ा बदलाव दिखेगा। सियासी जानकारों का मानना है कि राजस्थान का मसला एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुसीबत बनता दिख रहा है।

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