Rajasthan Election 2023: खाकीधारी पर चढ़ा खादी पहनने का खुमार, वर्दी में ही मांग ली टिकट, SP ने कर दिया सस्पेंड
Rajasthan Election 2023:मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इसके बाद इसे अनुशासनहीनता मानते हुए संबंधित पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया है।
Rajasthan Election 2023: किसी भी पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों से ये उम्मीद की जाती है कि सर्विस के दौरान वह बगैर किसी रानजीतिक झुकाव के निष्पक्ष ढंग से अपनी ड्यूटी करे। सरकारी नौकरी से रिटायर होने या इस्तीफा देने के बाद कोई भी शख्स अपने पसंदीदा खेमे में जाकर सियासत करने के लिए स्वतंत्र है। मगर चुनावी राज्य राजस्थान में एक खाकीधारी पर खादी पहनने का खुमार इतना चढ़ गया कि उन्होंने वर्दी में ही टिकट की दावेदारी जता दी।
मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इसके बाद इसे अनुशासनहीनता मानते हुए संबंधित पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया है। ये मामला भरतपुर जिले के वैर थाना प्रभारी प्रेम सिंह भास्कर से जुड़ा हुआ है। भास्कर आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टिकट चाहते हैं। उन्होंने जिस अंदाज में टिकट को लेकर दावेदारी जताई है, उससे वे चर्चा में आ गए हैं।
वर्दी में टिकट के लिए दिया आवेदन
भरतपुर के वैर थाने में पोस्टेड प्रेम सिंह भास्कर धौलपुर जिले के रहने वाले हैं। भास्कर जिले की बसेड़ी विधानसभा सीट से अबकी बार विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने वर्दी में एक तस्वीर खिंचवाकर बैनर-पोस्टर और पंपलेट छपवा दिए। पंपलेट में उन्होंने बीजेपी से टिकट का आवेदन किया है। पंपलेट में पीएम मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह समेत अन्य नेताओं की तस्वीर वायरल है।
सोशल मीडिया पर जैसे ही एसएचओ प्रेम सिंह भास्कर का ये आवेदन वायरल हुआ, पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। भरतपुर के एसपी ने फौरन इसका संज्ञान लेते हुए प्रेम सिंह को लाइन हाजिर कर सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। प्रेम सिंह भास्कर भरतपुर जिले के 6 पुलिस थानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
वीआरएस के लिए भी लिख चुके हैं खत
एसएचओ प्रेम सिंह भास्कर का भरतपुर रेंज के आईजी को लिखा एक खत भी सामने आया है। जिसमें उन्होंने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए आवेदन दिया है। लेटर में उन्होंने बताया कि वे समाज सेवा में जाना चाहते हैं। उन्हें पुलिस विभाग में सेवा के 34 साल हो गए हैं और अब वे बुजुर्ग हो गए हैं। इसलिए उन्हें नियम के मुताबिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाए।
बता दें कि राजस्थान में भी पड़ोसी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में मुख्य लड़ाई सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच है। अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले ये विधानसभा चुनाव आम चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है।