राजस्थान से बड़ी खबर: गहलोत ही रहेंगे मुख्यमंत्री, 15 विधायकों के साथ लेंगे शपथ, सचिन पायलट ने फैसले पर लगाई मोहर
Rajasthan Politics: राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक का हल कांग्रेस हाईकमान ने निकाल लिया है। कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही अगले चुनाव में जाने के लिए कमर कस ली है।
Rajasthan Politics: राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक और तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच एक बड़ी खबर (Rajasthan News) सामने आ रही है। राज्य में कांग्रेस हाई कमान (Congress High Command) की कसरत पूरी हो गई है। दरअसल, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच विवाद का हल निकल आया है। राजस्थान कैबिनेट पुनर्गठन की कसरत पूरी (Rajasthan Cabinet Reshuffle) हो चुकी है। कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत (Mukhyamantri Ashok Gehlot) राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan Chief Minister) बने रहेंगे। गहलोत 15 विधायकों के साथ शपथ (Oath Ceremony) लेंगे। सचिन पायलट ने इस बीच एक प्रेस कांफ्रेस कर गुटबाजी को नकारते हुए कहा कि मै जो चाहता था वह हुआ। पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं शीर्ष नेतृत्व के साथ पूरी पार्टी एकजुट है।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, मैराथन बैठकों के दौर के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मध्यस्थता रंग ले आई है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही रस्साकशी का हल निकाल लिया गया है। और अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही अगले चुनाव में जाने के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस हाईकमान को राजस्थान का हल निकालने में पंजाब का अनुभव काम किया है और मुख्यमंत्री न बदलते हुए अशोक गहलोत पर ही भरोसा जताया गया है। इससे कांग्रेस विधायकों के बड़े धड़े की नाराजगी से बच गई है। उधर सचिन पायलट के लोगों को मंत्रिमंडल में लेकर उनको भी संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है।
नई कैबिनेट में 12 नए चेहरे
सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की नई कैबिनेट में 12 नए चेहरे हैं, जिनमें जैसा कि पहले से कहा जा रहा था पांच सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट के हैं। आज शाम 4 बजे बजे ये विधायक मंत्री के रूप में शपथ लेंगे कहा जा रहा है कि इनमें 11 विधायक कैबिनेट और चार विधायक राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
अशोक गहलोत के संभावित नये मंत्रिमंडल की एक झलक
किसी को भी मंत्रिमंडल से नहीं हटने दिया। मुख्यमंत्री पूर्वी राजस्थान पर मेहरबान। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार की कैबिनेट विस्तार के निर्णय के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। नए मंत्रियों में जिला व क्षेत्रवार सरकार में प्रतिनिधित्व। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर जिले से आते हैं।
जिला व क्षेत्रवार कुछ इस तरह मिलेगा प्रतिनिधित्व
सियासत का केन्द्र माने जाने वाले जयपुर जिले से अब चार मंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट में हो जाएंगे। जयपुर जिले से तीन कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री सरकार का हिस्सा होंगे।
डॉ महेश जोशी को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया जा रहा है।
जयपुर के लालचंद कटारिया, प्रताप सिंह खाचरियावास और राजेंद्र यादव पहले से मंत्रिमंडल में हैं।
राजस्थान सरकार की कैबिनेट में अब अजमेर जिले का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
अजमेर जिले के एक मात्र मंत्री डॉ रघु शर्मा को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है।
अब तक 16 जिलों से मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व था।
अब भीलवाड़ा, करौली और झुंझुनू जिले से भी मंत्री बनाए जा रहे हैं।
जबकि अजमेर और सीकर जिले का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल से समाप्त हो गया है।
मंत्रिमंडल में अब 17 जिलों का प्रतिनिधित्व होगा।
सीकर जिले से भी एक मात्र मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा मंत्रिमंडल से बाहर हो गए हैं |
भरतपुर जिले से अब चार मंत्री मंत्रिमंडल में होंगे।
अब तक भजनलाल जाटव और डॉ. सुभाष गर्ग मंत्री थे।
अब विश्वेंद्र सिंह और जाहिदा खान को भी मंत्रिमंडल में शामिल शामिल किया जा रहा है।
बीकानेर जिले से अब 3 मंत्री मंत्रिमंडल में होंगे।
बीडी कल्ला और भंवर सिंह भाटी पहले से मंत्रिमंडल में शामिल हैं।
अब गोविंद राम मेघवाल को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया जा रहा है।
बीकानेर जिले से अब 2 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री होंगे।
वहीं दौसा जिले से भी अब मंत्रिमंडल में तीन मंत्री होंगे।
परसादीलाल मीणा और ममता भूपेश पहले से मंत्रिमंडल में हैं, अब मुरारीलाल मीणा भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे |
मंत्रिमंडल में भीलवाड़ा और करौली से एक-एक मंत्री होंगे।
बूंदी जिले से अशोक चांदना, चित्तौड़गढ़ जिले से उदयलाल आंजना, जैसलमेर जिले से शाले मोहम्मद, जालौर जिले से सुखराम विश्नोई मंत्रिमंडल में होंगे। कोटा जिले से शांति धारीवाल मंत्रिमंडल में शामिल हैं। जोधपुर जिले से अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं।
मंत्रिमंडल पुनर्गठन में झुंझुनू जिले से दो मंत्री बनाए जा रहे हैं। बृजेंद्र सिंह ओला और राजेंद्र गुढ़ा राज्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।
राजस्थान गुटबाजी खत्मः सचिन पायलट ने लगाई हाईकमान के मंत्रिमंडल विस्तार के फैसले पर मोहर
राजस्थान में हो रहे मंत्रिमंडल विस्तार की कसरत सफल रही इसका सबूत कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस है। जिसमें सचिन पायलट ने कहा है कि बहुत चिंतन के बाद मंत्रिमंडल पुनर्गठन का कदम उठाया गया है। हम जिस दिशा में चल रहे थे उसमें आगे बढ़ रहे हैं। दलित समाज के लोगों को मंत्रिमण्डल में जगह दी गई है। पहले प्रतिनिधित्व कम था, जो तबका हमेशा से कांग्रेस के साथ खड़ा रहा उसको तवज्जो दी गई।
आगे कहा कि सभी से फीडबैक लिया गया है सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अजय माकन, अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि हमेशा मीडिया में यह कहा जाता है कि इस गुट के इतने, उस गुट के उतने। हमने सभी ने 2018 में मिलकर चुनाव लड़ा। 21 बढ़कर 100 तक पहुंचे। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एकजुट है। जिस तरह महंगाई से त्रस्त हैं, सबको लेकर लड़ना है। हमारी पार्टी में कोई गुट नही है, पूरे नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है।
बोर्ड निगमों में भी कार्यकर्ताओं को जगह मिलेगी
सचिन पायलट ने कहा बोर्ड निगमों में भी कार्यकर्ताओं को जगह मिलेगी। प्रियंका गांधी ने जो महिलाओं को लेकर यूपी में किया, उसका असर राजस्थान में भी देखने को मिला। पायलट ने कहा मैने हमेशा प्रिंसिपल की बात की, एससी, ओबीसी, कार्यकर्ताओ की बात कही है। मेरा मकसद दुबारा राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाना है।
कांग्रेस नेता ने कहा यह बात मैंने दिल्ली में कही थी कि पार्टी मुझे जो भूमिका देगी वह निभाऊंगा। महिलाओं को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कोशिश की गई है किसी को छोड़ा नही जाए। किसी विभाग में कोई कमी होगी तो उसे सुधारने की कोशिश करेंगे। किसको क्या विभाग देना है यह अजय माकन व केंद्रीय नेतृत्व तय करेंगे। अगले चुनाव में हम चाहेंगे महिलाओं को अधिक से अधिक टिकट मिले।
सचिन पायलट ने कहा कांग्रेस ने हमेशा चुनाव कलेक्टिविटी के रूप में चुनाव लड़े। मैंने 2018 में काम किया, 2023 चुनाव में और अधिक काम करूंगा। पार्टी ने जो दिशा पकड़ी है वो स्वागत योग्य है, पार्टी को सक्रिय करने के लिए लोगों को जोड़ना है, जो हमे सपोर्ट कर रहे है उनको भी साथ लेकर चलना है।
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