Rajasthan Politics: गहलोत का फिर पायलट के लिए बयान, सीएम के सुर बदलते हुए नजर आ रहे

Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत की पायलट के लिए एक और बयान दिया है। लेकिन अभी आए बयान में गहलोत के सुर बिलकुल ही बदलते हुए नज़र आ रहे हैं।

Written By :  Bodhayan Sharma
Update: 2022-12-12 09:42 GMT

sachin Pilot ashok Gehlot (photo: social media ) 

Rajasthan: भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में कांग्रेस को जोड़ रही है। राजस्थान की राजनीती में बदलाव की बड़ी रणनीति तैयार करने में जुटी कांग्रेस पहले आन्तरिक समझाइश करती दिखाई दे रही है। अभी उस बात को एक ही महीना हुआ है जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को गद्दार तक कह दिया था, गद्दार कहने के बाद रुके नहीं, उसका सुबूत देने तक की बात कह डाली।

बीजेपी से करोड़ों रुपये लेने का आरोप भी लगा दिया और उसके भी सुबूत दिखने के लिए पेशकश की। पर फिर आया राजस्थान में "शांति" माहौल, यहां बात शांति धारीवाल की हो रही है। जो राजस्थान में कांग्रेस के एक लाइन के प्रस्ताव को नकारने के मुख्य प्रायोजक माने जा रहे थे। उनसे कांग्रेस आलाकमान ने जवाब माँगा और एक घोषणा की गयी कि आगामी भारत जोड़ो यात्रा जब तक राजस्थान में है तब तक अगर किसी ने कोई भी नकारात्मक बयानबाजी की तो उस पर आंतरिक कार्यवाही की जाएगी। बस उस चेतावनी के बाद जैसे कांग्रेस के सारे नेता-मंत्रियों के मुंह में जावन लग गया हो।

इसी कड़ी में पायलट के खिलाफ बेबाकी से बयान देने वाले सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अब एकता और साथ का राग आलापने लगे हैं। आंतरिक विचार तो बदलते दिखाई नहीं दिए पर शब्दों पर सीमाएं लगते दिखाई दे रही हैं।

गहलोत के बयान में बड़ा अंतर

नाकारा, गद्दार, निकम्मा, बागी और भी न जाने क्या क्या? ये सारे वो शब्द हैं जो गहलोत ने पायलट के लिए या तो किसी सभा में कहे या कहीं न कहें मीडिया के सवालों के जवाब में कहे। राजनैतिक उठापटक की ऐसी आदत हो गयी है राजस्थान की जनता को कि अब बहुत बड़ा कुछ नहीं हो जाता जब तक, तब तक आम जनता को कोई आश्चर्य नहीं होता. पर अभी गहलोत के बयान में आए बदलाव से एक बार फिर न सिर्फ राजस्थान की जबकि देश भर की जनता फिर से अचरज में है कि अचानक गहलोत की जीभ पायलट के लिए इतनी मुलायम कैसे हो गई।

अभी आए बयान में गहलोत के सुर बिलकुल ही बदलते हुए नज़र आ रहे हैं, उन्होंने कहा, "समय सब ठीक कर देता है, ऐसी घटनाएं और दुर्घटनाएं राजनीति में अक्सर होती रहती है, समय बदलेगा तब धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा।" अब ये राजनीतिकरण ही समझा जाएगा, क्योंकि पूर्व डिप्टी सीएम पायलट अपनी नारजगी भी ज़ाहिर नहीं करते थे तब भी गहलोत उन्हें गद्दार का तमगा देने से बाज़ नहीं आते थे।

भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस जोड़ रही

भारत जोड़ो यात्रा जैसे ही राजस्थान में आई, उसने कांग्रेस जोड़ने का काम तो बखूबी किया है, अभी यात्रा जिन क्षेत्रों में काम कर रही है वहां ज्यादातर पायलट समर्थक हैं और राहुल के सामने गुर्जर और मीणा समाज को फिर से कांग्रेस के लिए जोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी है। राहुल को चाहिए कि दोनों ही समाज किसी खेमे को वोट देने की बजाए पार्टी का साथ दे, क्योंकि पायलट और गहलोत खेमें के चक्कर में वोट टूटने के असार ज्यादा बनते नज़र आ रहे हैं।

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