राजस्थान कांग्रेस में दोनों खेमों के बीच खींचतान बढ़ी, माकन के ट्वीट से गहलोत को करारा झटका

Rajasthan Congress Crisis : राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने वरिष्ठ पत्रकार शकील अख्तर के एक ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसमें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर कड़ी टिप्पणी की गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-07-21 12:22 IST

अशोक गहलोत और अजय माकन (Design Image)

Rajasthan Congress Crisis: कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब (Punjab Congress) में तो प्रदेश अध्यक्ष पद पर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की ताजपोशी कर दी है मगर राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में आंतरिक कलह शांत करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि पार्टी की ओर से राजस्थान में एकजुटता का दावा किया जा रहा है मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट Ashok Gehlot vs Sachin Pilot) के खेलों के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। इस बीच राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken Retweet) ने एक ट्वीट को रीट्वीट करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को करारा झटका दिया है।

दूसरी ओर पंजाब में सिद्धू की ताजपोशी के बाद राजस्थान में पायलट समर्थकों में उम्मीद जगी है कि जल्द ही पार्टी हाईकमान की ओर से राजस्थान में भी बड़ा कदम उठाया जाएगा। सिद्धू की तरह ही पायलट को भी पार्टी हाईकमान का विश्वास हासिल है और माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पायलट को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की चर्चाएं हैं। इसके साथ ही उनके समर्थकों को भी महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती मिलने की संभावना जताई जा रही है।

ट्वीट में गहलोत और कैप्टन पर तीखी टिप्पणी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार शकील अख्तर के एक ट्वीट को रीट्वीट किया। इस ट्वीट में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर कड़ी टिप्पणी की गई है।


 ट्वीट में कहा गया है कि किसी भी राज्य में कोई क्षुत्रप अपने दम पर जीत नहीं हासिल करता। गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग और आम आदमी का वोट मिलता है मगर चाहे वह अमरिंदर सिंह हों या गहलोत या पहले शीला या कोई और। मुख्यमंत्री बनते ही वे समझ लेते हैं कि उनकी वजह से ही पार्टी को जीत हासिल हुई है। इस स्वीट में सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने को भी सही ठहराया गया है। अशोक गहलोत पर की गई टिप्पणी के बावजूद माकन ने इस ट्वीट को रीट्वीट करके उन्हें बड़ा झटका दिया है।

गहलोत ने किया सिद्धू की ताजपोशी का स्वागत

माकन की ओर से रीट्वीट किए जाने के बाद गहलोत ने भी इस बाबत बयान दिया। उन्होंने कहा कि कैप्टन पिछले सप्ताह ही यह घोषणा कर चुके थे कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का हर फैसला मानने के लिए तैयार हैं। गहलोत के मुताबिक कांग्रेस की यह परंपरा रही है कि कोई भी फैसला लेने से पहले हर किसी से राय मशविरा किया जाता है और सभी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है।
सबकी बातों को सुनने के बाद ही पार्टी हाईकमान की ओर से कोई फैसला लिया जाता है। कांग्रेस के सभी सदस्य एकजुट होकर हाईकमान की ओर से किए गए फैसले को स्वीकार करते हैं और कांग्रेस की ताकत का यही असली कारण भी है। उन्होंने सिद्धू की ताजपोशी का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई भी दी है।

अब राजस्थान में भी बड़े कदम की संभावना

पंजाब में पार्टी हाईकमान की ओर से बड़ा कदम उठाए जाने के बाद अब हर किसी की नजर राजस्थान पर लगी हुई है। सिद्धू की ताजपोशी के बाद राजस्थान की सियासत में भी हलचल दिख रही है और माना जा रहा है कि गहलोत और पायलट के बीच चल रहे संघर्ष में भी बड़ा कदम उठाया जाएगा।
सचिन पायलट को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की चर्चाएं हैं। जानकारों का कहना है कि गांधी परिवार पायलट का कद बढ़ाने का इच्छुक है और जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है। सचिन समर्थकों की भी राजस्थान में सम्मानजनक पदों पर तैनाती की संभावना जताई जा रही है।

खींचतान के कारण नहीं हो पा रही नियुक्ति

दोनों गुटों के बीच चल रही खींचतान के कारण अभी तक प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपनी टीम तक नहीं बना पाए हैं। हालत यह है कि राजस्थान के किसी जिले में अभी तक पार्टी के जिलाध्यक्ष तक की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि पायलट और गहलोत गुट लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने में जुटा हुआ है जिसकी वजह से पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति का भी काम अटका हुआ है।

प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पिछले दिनों राजस्थान के दो दिवसीय दौरे के दौरान गहलोत से मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा की थी। इस चर्चा के दौरान सचिन समर्थकों को भी एडजेस्ट करने का सवाल उठा था। जानकार सूत्रों का कहना है कि गहलोत लगातार मामले को लटकाए रखते हैं और इसी कारण अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार की दिशा में कोई प्रगति होती नहीं दिख रही है।
माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी हाईकमान गहलोत पर दबाव बढ़ाएगा ताकि मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही विभिन्न निगमों और बोर्डों में भी अध्यक्षों की नियुक्ति का काम पूरा हो सके।
Tags:    

Similar News