Rajasthan में सियासी उठापटक तेज, सांसद बेनीवाल ने दिया सचिन पायलट को ऑफर, नई पार्टी बनाने पर गठबंधन का वादा
Rajasthan Politics: आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ने की सलाह दे डाली है। उन्होंने सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने पर गठबंधन का वादा भी किया है।
Rajasthan Politics: राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक तेज होती दिख रही है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमों के बीच खींचतान बनी हुई है और इशारों में एक-दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं। ऐसे सियासी माहौल में आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ने की सलाह दे डाली है। उन्होंने सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने पर गठबंधन का वादा भी किया है।
उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को कांग्रेस में बार-बार अपमान का सामना करना पड़ रहा है और ऐसी स्थिति में उन्हें कांग्रेस से इस्तीफा देकर नई पार्टी का गठन करना चाहिए। पायलट के नई पार्टी बनाने से राजस्थान के सियासी समीकरण पर बड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने पायलट के साथ मिलकर राजस्थान की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात भी कही।
कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने का सुझाव
दरअसल कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अभी तक राजस्थान संकट का समाधान नहीं कर सका है। इस कारण गहलोत और पायलट खेमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर बना हुआ है। चुनाव सिर पर आ जाने के कारण अब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना भी खत्म हो गई है। अभी हाल में भी दोनों खेमों के बीच बयानबाजी की खबरें सामने आई थीं। ऐसे माहौल में सांसद हनुमान बेनीवाल ने पायलट को कांग्रेस से निकलकर नई पार्टी बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों में फूट दिख रही है और पायलट पार्टी बनाकर इसका फायदा उठा सकते हैं।
Also Read
उन्होंने सचिन पायलट के पिता को बड़ा नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। सचिन पायलट भी राज्य में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा विपक्षी की लड़ाई ही लड़ते रहे मगर पायलट के साथ मिलकर बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों में फूट
उन्होंने कहा कि हम राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा दोनों को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इसके लिए हमारी पार्टी की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों में फूट दिख रही है। भाजपा की हालत तो यह है कि करीब दर्जनभर नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार बने हुए हैं।
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अब राजस्थान में पहले जैसा असर नहीं रह गया है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी वे ज्यादा असरकारक साबित नहीं हुई थीं। पिछले चुनाव के दौरान कई सीटों पर मैंने भाजपा की मदद की थी और इस बार तो सियासी स्थितियां पूरी तरह बदली हुई हैं।
सचिन पायलट ने नहीं दी अभी तक प्रतिक्रिया
आरएलपी नेता की ओर से दिए गए इस ऑफर पर सचिन पायलट की अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पायलट खेमे के नेता भी अभी खुलकर इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। हालांकि दबी जुबान से उनका कहना है कि हमारी अदावत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से है। कांग्रेस पार्टी से हमारी कोई लड़ाई नहीं है और हमारी आस्था अभी भी कांग्रेस में बनी हुई है।
वैसे जानकारों का कहना है कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता और ऐसे में बेनीवाल की ओर से दिए गए ऑफर के बाद राजस्थान का सियासी माहौल देखना दिलचस्प होगा। राजस्थान में अभी तक लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच होती रही है और इस बात को पायलट भी बखूबी जानते हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि बेनीवाल के ऑफर पर वे क्या कदम उठाते हैं।