Rajasthan New CM: राजस्थान में पायलट की CM पद की दावेदारी का भारी विरोध, गहलोत समर्थक 92 विधायकों का इस्तीफे का ऐलान

Rajasthan New CM: राजस्थान में सीएम पद के लिए सचिन पायलट की दावेदारी को सबसे मजबूत माना जा रहा है मगर गहलोत गुट के विधायक विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-09-25 16:25 GMT

राजस्थान में पायलट की CM पद की दावेदारी का भारी विरोध। (Social Media)

Rajasthan New CM: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनने की संभावनाओं के बीच राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए घमासान छिड़ गया है। राजस्थान में सीएम पद के लिए सचिन पायलट (Sachin Pilot) की दावेदारी को सबसे मजबूत माना जा रहा है मगर गहलोत गुट (Gehlot Group) के विधायक विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं। 

गहलोत खेमे से जुड़े हुए मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई बैठक में जुटे गहलोत खेमा के 92 से अधिक विधायकों ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। ये विधायक मुख्यमंत्री आवास पर हो रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भी नहीं पहुंचे। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पर जाकर इस्तीफा देने की घोषणा की है।

गहलोत गुट से जुड़े हुए विधायकों को सचिन पायलट का नाम मंजूर नहीं है। गहलोत गुट से जुड़े हुए मंत्रियों और विधायकों ने सचिन पायलट पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत का समर्थन करने वाले सहयोगी दलों के साथ निर्दलीय विधायक भी इस मुहिम में कूद पड़े हैं। विधायक दल की बैठक में आज कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन विधायकों से चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि विधायकों से चर्चा के बाद दोनों पर्यवेक्षक पार्टी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद राजस्थान में गहलोत के उत्तराधिकारी फैसला लिया जाएगा।

सरकार गिरने का खतरा 

गहलोत गुट से जुड़े हुए विधायक खुलकर सचिन पायलट के खिलाफ सामने आ गए हैं। गहलोत का समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा है कि गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के चयन में विधायकों की इच्छा का ख्याल रखा जाना चाहिए। यदि विधायकों की इच्छा को नजरअंदाज करके मुख्यमंत्री का फैसला करने की कोशिश की गई तो राजस्थान में सरकार गिरने का खतरा पैदा हो सकता है। 

लोड़ा के बयान के बाद मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि लौड़ा एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उन्होंने जो कुछ भी कहा है,वह काफी सोच समझकर कहा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अशोक गहलोत को भी मुख्यमंत्री के रूप में कायम रखा जाना चाहिए। 

पायलट पर इशारों में साधा निशाना

गहलोत के करीबी माने जाने वाले प्रदेश के राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने भी सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दो साल पहले राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश रची थी उन्हें राज्य में कांग्रेस की कमान सौंपने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस हाईकमान को यह फैसला लेने से पहले एक बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि इससे सरकार और पार्टी दोनों कमजोर हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला करते समय सहयोगी दलों के विधायकों की भावनाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। गहलोत सरकार को बचाने के लिए विधायकों ने दो महीने घर परिवार छोड़कर होटलों में रात गुजारी थी। इसलिए अगर लो उसके बाद नेतृत्व का फैसला करने में सहयोगी दलों के विधायकों से भी चर्चा किया जाना जरूरी है।

भाजपा ने तोड़फोड़ की तो फिर क्या होगा

गहलोत के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि अभी राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गहलोत किसी क्लास के मॉनिटर नहीं है जो उन्हें हटाकर किसी और को कमान सौंप दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने तोड़फोड़ की राजनीति शुरू कर दी तो उसका अंजाम क्या होगा?

उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगले साल कांग्रेस को बड़ी सियासी जंग लड़नी है और इस जंग तक गहलोत को ही राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के कांग्रेस विधायकों ने अशोक गहलोत को ही अपना नेता माना है। ऐसे में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की बात समझ से परे है। हालांकि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आलाकमान की ओर से लिया गया फैसला हमें मंजूर होगा। 

ऐसे नेता के पक्ष में है गहलोत

इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने आज भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जैसलमेर में स्थित तनोट माता के मंदिर में दर्शन किए। मंदिर में दर्शन के बाद उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को शानदार बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उतरने के इच्छुक लोगों को निसंकोच नामांकन दाखिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगला सीएम ऐसे नेता को बनाया जाना चाहिए जो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट करा सकें। उन्होंने कहा कि वे युवा पीढ़ी को मौका दिए जाने के पक्ष में है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए और कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाना और फिर फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ना कांग्रेस की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की असली ताकत भी यही है। उन्होंने नए मुख्यमंत्री के रूप में किसी नेता का नाम लेने से परहेज किया। सचिन पायलट से अशोक गहलोत के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि गहलोत सचिन पायलट के नाम पर कतई तैयार नहीं होंगे। जानकार सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में उन्होंने विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी का नाम आगे बढ़ाया है।

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