उदयपुर हत्याकांड: वीडियो ने बयां किये आईएसआईएस के खास संकेत, जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे

Udaipur Hatyakand: उदयपुर में एक टेलर की हत्या करने वालों के तार आईएसआईएस से जुड़े हो सकते हैं। मुमकिन है कि रियाज खुद भी आईएसआईइस का ऑपरेटिव हो सकता है।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2022-06-29 05:18 GMT

उदयपुर हत्याकांड में खुलासा (Social media)

Udaipur News: उदयपुर में एक टेलर की हत्या करने वालों के तार आईएसआईएस से जुड़े हो सकते हैं। जिस तरह से ये हत्या की गई और उसका वीडियो जारी किया गया, इन सबमें कुख्यात आतंकी संगठन के निशान दिखाई देते हैं।

हमलावरों में से एक का नाम रियाज अटारी है। बताया जाता है कि अटारी 2021 में राजस्थान के टोंक शहर के निवासी मुजीब अब्बासी के संपर्क में था। मुजीब को हाल ही में आईएसआईएस से जुड़े एक मामले में पकड़ा गया था। इस मामले में राजस्थान और मध्य प्रदेश में रतलाम से कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। मुमकिन है कि रियाज खुद भी आईएसआईइस का ऑपरेटिव हो सकता है।

खास सिग्नल

आईएसआईएस के आतंकी हमेशा अपने वीडियो या फोटो में खास तरह के फिंगर सिग्नल का उपयोग करते देखे जाते हैं। ये सिग्नल है बाएं हाथ की तर्जनी उंगली से ऊपर की तरफ इशारा करना। रियाज की फेसबुक तस्वीरों में उसे इस्लामिक स्टेट के गुर्गों द्वारा दुनिया भर में इस्तेमाल किए जाने वाले इसी विशिष्ट फिंगर सिग्नल का उपयोग करते हुए देखा जा सकता है। उदयपुर में टेलर की हत्या के बाद रियाज़ और उसके साथी ने जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें भी वह यही फिंगर सिग्नल करते हुये देखा जा सकता है।

दावत ए इस्लामी

बताया जाता है कि रियाज बरेलवी है, और पाकिस्तान में अतर स्थित चरमपंथी धार्मिक समूह दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा है और इसीलिए वह अपने अंतिम नाम के रूप में 'अतारी' लिखता है। 

दावत-ए-इस्लामी की स्थापना 1981 में पाकिस्तान के कराची में मौलाना इलियास कादरी ने की थी। ये एक सुन्नी संगठन है। मूल रूप से, यह इस्लामी शिक्षा के प्रचार के लिए स्थापित किया गया था। यह विभिन्न ऑनलाइन पाठ्यक्रम के साथ-साथ मदनी नामक एक टीवी चैनल भी चलाता है। हाल ही में, यह इस्लामी चरमपंथ का एक नया चेहरा बन गया है और विभिन्न इस्लामी संगठनों द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है। 

भारत में आतंक फैलाने के लिए इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे समूहों द्वारा स्पष्ट आह्वान किया जाता रहा है। यह कांड उसी का परिणाम प्रतीत होता है। अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट सिर काटने के वीडियो पोस्ट किए हैं और उनका महिमामंडन करने की कोशिश की है। उदयपुर में जिन दो लोगों ने ये कांड किया वे इस तरह के वीडियो से प्रेरित थे या वे दोनों आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं, ये जांच का विषय है।

इसके अलावा वीडियो में दोनों व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी भी देते हैं इससे सवाल उठता है कि कहीं इस घटना के पीछे बड़ी साजिश तो नहीं है।

ये तो साफ है कि हमला व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण नहीं किया गया था। सिर काटने के लिए, उसी का एक वीडियो पोस्ट करें और फिर जिम्मेदारी का दावा करते हुए तर्क दें। ये पूरा कृत्य स्पष्ट रूप से आतंक का कार्य है। अपराधियों का एकमात्र इरादा हिंदू समुदाय के मन में डर पैदा करना था।

भारत में आईएसआईएस

2020 में सरकार ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि हाल के वर्षों में 12 भारतीय राज्यों में इस्लामिक स्टेट और इसके विभिन्न रूपों के प्रसार के साथ, सुन्नी जिहादियों का समूह "सबसे अधिक सक्रिय" है।

तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों के अलावा - महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों में आईएसआईएस के संबंध पाए गए हैं।इस्लामिक स्टेट, आईएसआईएस या दाइश जैसे नामों वाला ये समूह भारत में अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है।

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