TIPS: पेरेंट्स दें ध्यान, परीक्षा के दौरान बच्चे में न हो तनाव, तभी मिलेगा अच्छा परिणाम
माता-पिता का सहयोग बच्चे के पूरे प्रदर्शन में बहुत महत्तवपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छे परिणामों के लिए माता-पिता को इन सभी जानकारियों का अवश्य ही पालन करना चाहिए।ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी है
जयपुर: 10 और12 के एग्जाम की तारीखें फाइनल होने लगी है।प्री-बोर्डस और प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम के चलते भी बच्चों में टेंशन बढने लगा है। ये वक्त केवल बच्चों के टेंशन का नहीं, बल्कि उनके घर वाले सोचते हैं कि परीक्षा के वक्त उन्हें खाने में क्या दिया जाए, जिससे ऊर्जा बनी रहे और तबीयत भी ठीक रहे, माता-पिता का सहयोग बच्चे के पूरे प्रदर्शन में बहुत महत्तवपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छे परिणामों के लिए माता-पिता को इन सभी जानकारियों का अवश्य ही पालन करना चाहिए।ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों की खाने की ओर ठीक से ध्यान दे, ताकि बच्चा तंदुरस्त रहें। खाने के साथ पढ़ाई में भी मन लगे।
*इस वक्त खाने में सलाद का होना बहुत जरूरी है, जिससे से बच्चों का पेट साफ रहे। इससे परीक्षा के दौरान बच्चों को हाजमे की शिकायत नहीं होगी, वजन को काबू में रखने के लिए भी सलाद जरूरी होता है।
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*खाने मे कार्बोहाइडेड की सही मात्रा होना भी जरूरी है,क्योंकि परीक्षा के समय दिमाग को थकान महसूस होती है, इसलिए गेहूं के आटे के फुलके, चपाती , परांठे वगैरह का खाने में जरूर इसतेमाल करें।
*खाने में सीजनल फलों का होना भी जरूरी है। लंच और डिनर के बीच में अगर बच्चों को भूख लगती है, तो फल एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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*बच्चों को समझाएं कि परीक्षा के दिनों में रात भर जाग कर पढाई करने से अच्छा है कि वे दिन के वक्त पढाई करें, अगर नींद पूरी नहीं हुई तो बच्चे थकान महसूस करते हैं, यह भी हो सकता है, परीक्षा देते वक्त उन्हें नींद आ जाए।
*परीक्षा के समय बच्चे खेलने या व्यायाम करने में समय व्यतीत नहीं करना चाहते, लेकिन थोडी मेहनत भी तो जरूरी होती है, इसलिए बच्चों से कहें कि वे किताब हाथ में लेकर पढ़ते-पढ़ते घर ही में टहल सकते हैं।
खान-पान के बाद इन बातों पर भी दें ध्यान
*पेरेंट्स को अपने बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए कि वह हर समय उनके साथ हैं लेकिन इसके अलावा कुछ बातों का भी खास ध्यान रखना चाहिए। जिसमें सबसे जरूरी बार-बार उनके मार्क्स को लेकर बातें करने से बचें।इससे बच्चों का मनोबल कम होता है और वह अपने में विश्वास महसूस नहीं करते हैं।
*परीक्षा के समय बच्चे पढ़ाई का वक़्त बढ़ा देते हैं। चूंकि बच्चों का शरीर और दिमाग टेंशन झेलने का आदी नहीं होता है, इसलिए इस बदलाव को अपनाने में उनकी मदद करें। निश्चित रूप से इसका रिजल्ट बेहतर होगा।
*तनाव से बचने के लिए अभिभावक परीक्षा से पहले ही नियमित रूप से पढ़ाई करने के लिए बच्चों को तैयार कर सकते हैं, ताकि उन पर एकदम से दबाव न बने और वह तनाव से दूर रह सकें।
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*परीक्षा के दौरान बच्चों को एकाग्रता की ज़रूरत होती है, जिसके लिए अभिभावक को उन सभी चीज़ों से परहेज करें, जो किसी भी रूप से बच्चों का ध्यान भंग कर सकती है।जैसे टी.वी. देखना, गाने सुनना आदि।
* परीक्षा के दौरान अभिभावकों को मेहमान और रिश्तेदारों को भी घर पर बुलाने से परहेज करना चाहिए। इससे भी बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है। खुद भी इन दिनों बेहद अनुशासित रहें, जिससे बच्चे को निश्चित प्रेरणा मिलेगी।
*परीक्षा के लिए जाते समय बच्चों में विश्वास की कमी हो सकती है, इसलिए अभिभावक को उनके साथ परीक्षा केंद्र तक जाना चाहिए। अंतिम पलों तक उसे उत्साहित करना चाहिए। यही नहीं परीक्षा ख़त्म होने के बाद उसे घर वापस लेने भी जाए। परीक्षा के बारें में विचार विमर्श कर सकते हैं, ताकि आपको उसकी मनोदशा समझ आएं और आप आगे की रणनीति बना सकें।