Coronavirus: सोशल मीडिया पर मदद मांगने से पहले हो जाएं सावधान, नहीं तो फंस जाएंगे मुसीबत में

कई नामी सामाजिक संस्थाओं और लोगों के नाम का यूज़ कर लोगों को चूना लगाने वाले गैंग एक्टिव हैं।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Roshni Khan
Update: 2021-04-26 06:21 GMT

सोशल मीडिया (सिंबॉलिक फोटो)

लखनऊ: देशभर में कोरोना महामारी ने बुरी तरह अपने पैर पसार लिए है। हर इंसान इलाज के ज़रूरी सामान के लिए परेशान है, कोई रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए परेशान है, तो कई ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए इधर-उधर चक्कर लगा रहा है तो कोई मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए झुझ रहा है। इसको देखते हुए कुछ नेता-अभिनेता और सामाजिक संस्थाएं लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। सोशल मीडिया की मदद से जरूरतमंदों को जरूरी सेवाएं दी जा रही हैं।

लेकिन ठगमार के लिए है ये समय भी सही है क्योंकि ये लोग इस मौके से भी बाज नहीं आतें हैं। कई नामी सामाजिक संस्थाओं और लोगों के नाम का यूज़ कर लोगों को चूना लगाने वाले गैंग एक्टिव हैं। ये ठग दवा, अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर देने के नाम पर लोगों से पैसे ठग रहे हैं और उसके बाद मोबाइल नंबर बंद करके गायब हो जा रहे हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि Cyber Dost ने किस तरह सतर्क रहने के लिए कहा हैं।।।

1. नंबर और पर्सनल डिटेल करते समय सावधान रहें

गृह मंत्रायल के अधीन काम कर रहे साइबर ब्रांच Cyber Dost ने ट्वीट करके इस संबंध में लोगों को अलर्ट किया है। साइबर दोस्त ने ट्वीट में बताया कि ''सोशल मीडिया पर COVID-19 में मदद करने या लेने के लिए आपना फोन नंबर और पर्सनल डिटेल शेयर करते समय थोड़ा सावधान रहें।'' साइबर क्रिमिनल्स इसका गलत यूज़ कर सकते हैं और कोई फाइनेंशियल फ्रॉड भी कर सकते हैं।

2. अस्पताल में बेड और दवा अरेंज कराने का झांसा

सोशल मीडिया पर अगर आप मदद की गुहार लगा रहे हैं तो ये ठगमार आपसे संपर्क करेंगे और कहेंगे कि वो आपकी मदद करना चाहते हैं। वे कहेंगे कि आपको बड़ी ही आसानी से अस्पताल में बेड मिल जाएगा और दवाइयां भी मिल जाएंगी जिनकी आपको जरूरत है।

3. फेक चैरिटी के नाम पर धोखाधड़ी

Cyber Dost ने एक ट्वीट में बताया कि, 'कोरोना मरीजों को फर्जी दवा उपलब्ध कराने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो सकता है। ऐसे में किसी भरोसेमंद दुकान से ही दवा लें। साथ ही पेमेंट करते समय भी पूरा ख्याल रखें।'

साइबर दोस्त ने साफतौर पर कहा है कि, 'सोशल मीडिया के जरिए मिल रही मदद पर आंख बंद करके भरोसा ना करें। मोबाइल नंबर, आधार नंबर जैसी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें।'

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