सैनिकों की मौत पर देश गुस्से में, लेकिन पाक पर नहीं अपनी सरकार पर

Update:2018-02-05 16:43 IST
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विनोद कपूर

लखनऊ: पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार गोलाबारी और संघर्ष विराम पर उल्लघंन में कैप्टन कपिल कुंडू समेत चार जवान शहीद हो गए, जिससे पूरा देश एक बार फिर गुस्से में है। लेकिन ये गुस्सा पाकिस्तान पर कम अपनी सरकार पर ज्यादा है, जिसके नेता बड़ी-बड़ी बातें किया करते हैं। पाकिस्तान की कायराना करतूत को लेकर देशभर में एक बार फिर गुस्सा पनप रहा है।

वहीं, सरकार की ओर से कड़ा जवाब देने की बात की जा रही है। विपक्ष की ओर से भी लगातार सरकार पर निशाना साधा जा रहा है तो सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार पर अपनी भडास निकाल रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से 2017 में 860 से भी ज्यादा बार सीज़फायर उल्लंघन किया गया, तो जनवरी 2018 में ही ये आंकड़ा 160 पार कर गया।

आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास ने लिखा है..'फर्जी राष्ट्रवाद का पोषक सत्ताखोर शिखंडी है, सेना का मतलब जिसके लिए सिर्फ वोटों की मंडी है। कहां हैं एक के बदले 10 सिर लाने वाले?'

अब मोदी चुप क्यों?

बीजेपी जब विपक्ष में थी तब उन्होंने जवानों की शहादत का मुद्दा बड़े जोर-शोर से उठाया था। लेकिन अब जब सत्ता में हैं, तो पाकिस्तान से बातचीत की कोशिश भी की जाती है और जवानों की शहादत भी नहीं रुक रही है। हाल ही में भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने भी पाकिस्तान के एनएसए से थाइलैंड में मुलाकात की थी। जिसपर विपक्षी पार्टियों ने सवाल खड़े किए थे। पाकिस्तान की ओर से फायरिंग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी देश के लोग सवाल उठा रहे हैं।

बयानबाजी से काम नहीं चलेगा

गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाक की हर इस हरकत पर हर बार कहते हैं हमने अपने जवानों से कहा हुआ है कि पाकिस्तान को जवाब देते वक्त गोलियों की गिनती ना करें। सरकार की ओर से लगातार कड़े बयान तो दिए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी जवानों के शहीद होने के सिलसिला नहीं थम रहा। छोटी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कड़े कदमों के बावजूद भी शायद पाकिस्तान इन सभी से ही रुकने वाला नजर नहीं आ रहा। सिर्फ होम मिनिस्टर ही नहीं सरकार के सभी मंत्री पाकिस्तान को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं।

हेमराज मामले पर खूब हुई थी बयानबाजी

8 जनवरी 2013 में जब यूपीए सरकार का शासन था, उस दौरान पाकिस्तान सेना के जवान भारतीय सेना के लांसनायक हेमराज समेत दो सैनिकों का सिर काटकर ले गए थे। तब इस घटना पर जमकर बवाल हुआ था। तब विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा था, कि 'भारत सरकार को पाकिस्तान पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए। सुषमा ने कहा था, कि भारत को एक के बदले पाकिस्तानी सेना के जवानों के 10 सिर लाने चाहिए।' सुषमा के बयान पर भी राजनीति तेज हुई थी। लोकसभा के 2014 के चुनावों के दौरान भी भारतीय सेना के जवानों के सिर काटे जाने का मुद्दा चुनाव प्रचार का मुद्दा बना था। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी रैलियों में कहा था, कि पाकिस्तान हमारे जवानों के सिर काट रहा है और सरकार पाकिस्तानी पीएम को चिकन बिरयानी खिला रहे हैं।

सिंधिया ने संसद में सुषमा को घेरा

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सुषमा स्वराज के इसी मुद्दे पर निशाना साधा था, उन्होंने सरकार को अपना वादा पूरा करने को कहा था। लोकसभा में सिंधिया ने कहा था, कि सरकार बार-बार गलती को दोहरा रही है। सीमा पर जवानों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी इस बात पर चुप क्यों हैं? सिंधिया ने कहा, कि 'जो लोग पहले बातें किया करते थे कि हम एक के बदले दस सिर लाएंगे, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे। उस वादे का क्या हुआ, अब वो लोग चुप्पी साध कर क्यों बैठे हैं?

लोग पूछ रहे.. कब लाओगे 10 सिर

लोग सोशल साइट पर सरकार के खिलाफ जमकर लिख रहे हैं। उनका गुस्सा पाकिस्तान पर कम लेकिन अपनी सरकार पर ज्यादा दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं को उनके पहले दिए बड़बोले बयान की याद दिलाई जा रही है। ट्विटर पर एक ने लिखा ..क्या हुआ तेरा वादा वो कसम वो इरादा.. तो सोशल मीडिया फेसबुक पर एक टिप्पणी थी 'कहां छुपे हैं एक के बदले 10 सिर लाने वाले? कब लाओगे।' सरकार पर इस बार तो जनता का काफी दबाव है कि वो पाकिस्तान पर बडी और कडी कार्रवाई करे।

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