Mother's Day: माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं ! सारा ज्ञान तुम्हारी स्तुति, सारे दृश्य तुम्हारे रूप
Mother's Day 2022: दुनिया में माँ और बच्चे का रिश्ता ही सबसे पहला रिश्ता कहलाता है। क्योंकि एक बच्चा जन्म लेने से पहले ही माँ से रिश्ता बना लेता है।
Mother's Day 2022: दुनिया में माँ और बच्चे का रिश्ता ही सबसे पहला रिश्ता कहलाता है। क्योंकि एक बच्चा जन्म लेने से पहले ही माँ से रिश्ता बना लेता है। क्योंकि जब एक बच्चा अपनी माँ के गर्भ में होता है तो उसे सबसे पहले महसूस उसकी माँ करती है।
'मदर्स डे' (8 मई) के अवसर पर
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !
अनुज 'अनहद'
जमाना बदल गया है माँ,
अब ऐसा ही होता है।
जब तुमको नहीं पता,
तो पूँछती क्यूँ नहीं।
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !
माना कि बचपन में हर बात पर,
सबसे पहले तुम्हें याद करता था।
रोज़ रोज़ खाने में
नई फ़रमाइशें करता था।
पर तुम्हें थोड़ा संभल कर रहना चाहिए,
खाने में ज्यादा फ़रमाइश से बचना चाहिए।
तुम्हारी बहू थक जाती है माँ,
अपनी फ़रमाइशों को,
कम करती क्यूँ नहीं।
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !
माना कि मैं तुम्हारी,
गोद में खूब घूमता था,
और तुम कभी थकती भी नहीं थी।
पर अब तुम थक जाओगी माँ,
हम लोग घूमने जा रहे,
तुम घर पर ही रहती क्यूँ नहीं।
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !
बचपन में तुम्हारे हाथ के बुने,
स्वेटर की गरमाहट,
आज भी याद है।
हर त्यौहार पर नये कपड़े लाना,
आज भी याद है।
पर तुम्हें कहीं जाना भी तो नहीं होता,
और तुम्हारी ये साड़ी,
ज्यादा पुरानी भी नहीं है।
इस मंहगाई से
थोड़ा डरती क्यूँ नहीं।
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !
ज़माना बहुत खराब है माँ,
हर तरफ भ्रष्टाचार और बेईमानी है।
अब तो ईश्वर का ही सहारा है,
ज़िंदगी में परेशानी ही परेशानी है।
मंदिर जा रहा हूँ माँ,
माता रानी के दर्शन को।
इंतज़ार मत करना
और सो जाना।।
मेरे लिए तुम भी,
'जय माता दी' कहती क्यूँ नहीं।
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !
माँ, तुम समझती क्यूँ नहीं !!