पूर्व आईएएस के घर पर हथियारबंद गुंडों का हमला, नहीं उठाया अधिकारियों ने फोन

पोस्ट में लिखा है, " २९ मई को एक माफ़िया, गौरव उपाध्याय, पूर्व विधायक (शिव सेना) व हिंदू युवा महासभा के स्वमभु अध्यक्ष की 'बाहुबली' लिखी गाड़ियों के मैंने फ़ोटो लिए थे। उनके गुर्गों ने मेरी गाड़ी रोक कर फ़ोटो खिंचने पर आपत्ति की थी और आक्रोश जताया था।"

Update: 2017-06-02 19:26 GMT

लखनऊ: भारतीय प्रशासनिक सेवा के चर्चित पूर्व अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के घर पर गुरुवार रात हथियाबंद गुंडों ने दो बार हमला किया। आरोप है कि ये गुंडे भगवा गमछाधारी और रायफल-बंदूकों से लैस थे। सूर्य प्रताप सिंह ने हमले के बाद, दोनों बार इसकी जानकारी प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों को देनी चाही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। बहरहाल, उन्होंने इसकी रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

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हथियारबंद हमला

पूर्व आईएएस के अनुसार पहली बार गुरुवार रात करीब साढ़े दस बजे नशे में धुत भगवा गमछाधारियों ने उनके घर पर हमले की कोशिश की। सूर्य प्रताप सिंह ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को देनी चाही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद इन गुंडों ने रात डेढ़ बजे के लगभग उनके घर पर दोबारा हमला किया। ये गुंडे राइफल और बंदूकों से लैस थे। पूर्व आईएएस ने एक बार फिर पुलिस को घटना की सूचना देनी चाही लेकिन विफल रहे।

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सूर्य प्रताप सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट में लिखा है, " २९ मई को एक माफ़िया, गौरव उपाध्याय, पूर्व विधायक (शिव सेना) व हिंदू युवा महासभा के स्वमभु अध्यक्ष की 'बाहुबली' लिखी गाड़ियों के मैंने फ़ोटो लिए थे। उनके गुर्गों ने मेरी गाड़ी रोक कर फ़ोटो खिंचने पर आपत्ति की थी और आक्रोश जताया था।"

फेसबुक पर ये फोटो पोस्ट करते हुए उन्होंने आशंका जताई है कि या तो इस हमले में इन्हीं गाड़ी वाले लोगों का हाथ है, या फिर उन लोगों का, जिनके भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने पिछली सरकारों के दौरान अभियान छेड़ रखा था। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने संदेह जताया है, "या फिर जिन भ्रष्ट अधिकारियों/ नेताओं/इंजिनीयर्स/माफ़िया के घोटाले, मैंने उठाए हैं,उनका हाथ है? ये तो पुलिस जाँच से ही पता चलेगा। मैंने FIR दर्ज करा दी है।"

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चाहे कोई हो सरकार

पिछली सरकारों के दौरान सरकार के लचर रवैये और घोटालों पर तीखी सार्वजनिक टिप्पणियां करने के कारण चर्चा में रहे पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने " मुझे मार कर क्या मिलेगा किसी को" शीर्षक वाली इस पोस्ट में लिखा है, " क्या सच का साथ देना .....भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाना कोई अपराध है ? क्या जिस की लाठी उसकी भैंस वाली बात ही चलेगी उ.प्र. में, चाहे कोई भी सरकार आ जाए ?

ठीक है, यदि मुझे मार के भृष्टाचारियों का काम चल जाता है, तो मार लो ! मेरे बच्चे/परिवार को ऊपर वाला देख लेगा।"

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सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है, " पूर्व सरकार में ये होता तो मुझे दुःख नहीं होता। वर्तमान सरकार को बनवाने में कहीं न कहीं हम सब का भी role है। दुःख इस बात का है कि योगी सरकार में भी मेरे जैसे पूर्व आईएएस अधिकारी के साथ यह सब हो रहा है।"

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