WHATSAPP में बदलाव से बढ़ी मुश्किलें, देश की सुरक्षा के लिए बनेगा खतरा

Update:2016-04-07 20:29 IST

लखनऊ : वॉट्सएप ने हाल ही में घोषणा की है कि अब उसके मेसेंजर पर भेजे जाने वाले सभी मेसेज पूरी तरह एनक्रिप्टेड होंगे। इसका मतलब है कि अब वॉट्सएप पर आपके मैसेज को कोई भी नहीं पढ़ पाएगा। यहां तक कि आपके मैसेज को कोई भी हैक नहीं कर पाएगा।

कोई भी संस्था यूजर्स द्वारा भेजे गए मैसेज को नहीं पढ़ पाएगी। इससे सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या ब्लैकबेरी और एप्पल की ही तरह अब वॉट्सएप सुरक्षा एजेंसियों और देश के सुरक्षा के लिए बड़ा सरदर्द बनने जा रहा है। वॉट्सएप के इस कदम से खुफिया एजेंसियां खुश नहीं है, इसको लेकर उनकी अपनी आशंकाएं हैं।

खुफिया एजेंसियाें का क्या कहना है?

-सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के एक अधिकारी का कहना है कि इससे बहुत दिक्कतें आने वाली हैं।

-वॉट्सएप का यह कदम ट्राई के 2015 के कंसल्टेशन पेपर के हिसाब से बिलकुल सही है।

-अगर सरकार ने वॉट्सएप से जानकारी मांगी और उन्होंने इसे देने से मना किया तो इस एप को अवैध करार दिया जा सकता है।

सर्विलांस में आएंगी मुश्किल

यूपी में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की शुरुआत करने वाले आईपीएस अफसर और सीआरपीएफ में बतौर एडीजी तैनात अरुण कुमार कहते हैं कि वॉट्सएप जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए वैसे ही प्रचलन में था और उसे डिकोड करना बड़ा मुश्किल था। इसकी डिटेल्स पाने में ही लगभग एक हफ्ते लग जाते थे। 256 बिट एनक्रिप्शन के बाद कम्पनी के पास भी किसी मैसेज के डिटेल न रहने से सर्विलांस में बहुत दिक्कतें आएंगी। उम्मीद तो यही है कि अपने यूजर्स की प्राइवेसी के साथ-साथ वॉट्सएप ऐसा कोई रास्ता निकलेगा ताकि देश की सुरक्षा में कोई सेंध न लगने पाए।

ISIS भी बना चुका है अपना एनक्रिप्टेड मेसेजिंग एप

इसी साल जनवरी में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) ने अपने सीक्रेट मिशन के लिए एक एनक्रिप्टेड सुरक्षित मैसेज भेजने के लिए एक एंड्रॉयड एप डेवेलप किया है। इस एप्लिकेशन को आईएसआईएस ने अंजाम दिए जाने वाले हमलों की योजना बनाने के लिए मैसेज एक्सचेंज करना है। इस एप का नाम अलरावी है। ये मेसेजिंग एप गूगल प्ले स्टोर पर नहीं उपलब्ध है लेकिन इसे आईएसआईएस के लोग एपीके फाइल एक दूसरे से शेयर कर इनस्टॉल करते हैं।

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