Supreme Court जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस: सोशल मीडिया पर तरह तरह की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने शुक्रवार (12 जनवरी) को न्यायपालिका की खामियों को लेकर मीडिया के सामने आए, तो सरकार में हड़कंप मच गया। जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुंरत बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने इसे जहां लोकतंत्र के लिए खतरा बताया वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमण्यम
लखनऊ:सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने शुक्रवार (12 जनवरी) को न्यायपालिका की खामियों को लेकर मीडिया के सामने आए, तो सरकार में हड़कंप मच गया। जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुंरत बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने इसे जहां लोकतंत्र के लिए खतरा बताया वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, कि ‘ये बहुत ही गंभीर मामला है।’ उन्होंने कहा, कि ‘जजों ने बहुत बलिदान दिए हैं और उनकी नीयत पर सवाल नहीं उठाए जा सकते।’ स्वामी ने पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की है।
वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने इस पूरे मामले पर कहा, कि ‘ये न्यायपालिका के लिए काला दिन है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हर कोई न्यायपालिका के फैसले को शक की निगाहों से देखेगा। उन्होंने कहा, कि ‘अब से हर फैसले पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे।’
सोशल मीडिया पर तरह तरह की प्रतिक्रिया
Chandrakant Sharma @SirCkSharma –
सीजेआई दीपक मिश्रा ने 1984 के सिख दंगो की फाइल खोलने का फैसला लिया
सीजेआई दीपक मिश्रा राम जन्मभूमि केस देख रहे हैं
सीजेआई दीपक mishra एकलौते सीजेआई हैं जिन्हें मोदी सरकार ने नियुक्त किया है
अब आप जान गए कि ‘इकोसिस्टम’ द्वारा क्यों सीजेआई को निशाना बनाया जा रहा है
AnshulSaxenaVerified account @AskAnshul –
2004 से सुप्रीम कोर्ट सरकार के कामकाज, हिन्दू त्योहारों आदि में दखल दे रहा है. क्या हमने कहा कि ज्यूडीशियरी डिक्टेट कर रही है? उन्होंने कश्मीरी पंडितों को रिजेक्ट कर दिया, राम मंदिर को होल्ड किये हुए हैं, रोहिंगिया को निकालने को रोक दिया. ये सब क्या है? सुप्रीम कोर्ट के आधे जजों ने संकल्प के 10 साल के बाद भी अपनी संपत्ति सार्वजनिक क्यों नहीं की है?
AdityaMenon @AdityaMenon22
चक्कर चालू हो गया है. दक्षिणपंथी ब्रिगेड का डैमेज कण्ट्रोल इन बिन्दुओं पर फोकस करेगा :
1. अपरिपक्व/गलत सलाह पर किया गया कृत्य
2. जज लोग न्यायपालिका के टुकड़े कर रहे हैं
3. ये लोग राष्ट्रपति के पास क्यों नहीं गए?
4. भारत के लिए दुखद दिन
असली बात : सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों को गलत ठहराना
Raushan Raj @AskRaushan 60m60 minutes ago
लगता है सीजेआई दीपक मिश्रा कांग्रेसी ‘बूटलिकर्स’ (जूता चाटने वाले) जस्टिस चेम्लेश्वर और उनके गैंग की नींदें हराम कर रहे हैं.
कृपया नोट करें : जस्टिस चेलमेश्वर वही हैं जिन्होंने खुले आम आधार का विरोध किया है
जस्टिस गोगोई के पिता कांग्रेसी थे
जस्टिस जोसेफ का नाम अपने में काफी है
Swati ChaturvediVerified account @bainjal 3h3 hours ago
सीजेआई को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए, साथी जजों द्वारा विश्वास की अभूतपूर्व कमी के बाद और किसी चीज़ से काम नहीं चलेगा
Minhaz MerchantVerified account @MinhazMerchant
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस में असली मुद्दों की बात नहीं की गयी जो न्यायपालिका को खाए जा रहे है – भ्रष्टाचार, विलम्ब, स्थगन, धुंधला कोलेजियम, वकीलों की ऊंची फीस, निचली अदालतों का जर्जर इंफ्रास्ट्रक्चर.
Prashant P. UmraoVerified account @ippatel 2h2 hours ago
सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कांफ्रेंस ने उस हर नागरिक को हिला दिया है जो सुप्रीम कोर्ट को न्याय का संस्थान मानता है. इनको पब्लिक में आने की बजाय माननीय राष्ट्रपति से मिलना चाहिए था.
ShefaliVaidyaVerified account @ShefVaidya
क्या ये वही न्यायपालिका है जिस पर हमसे भरोसा करने की अपेक्षा की जाती है? जहाँ जज बच्चों की तरह लड़ते हैं?
अंकित जैनVerified account @indiantweeter
इंदिरा जयसिंह जिनके एनजीओ का एफसीआरए को गृह मंत्रालय ने रद कर दिया था और गुप्ता प्रेस कांफ्रेंस में जजों के साथ गए. कैसे मान लें कि ये लडाई सच की है
NitinPaiVerified account @acorn
साफ़ समझ लें, सुप्रीम कोर्ट के चार जज बहुत ही गंभीर विचार-विमर्श के बगैर पब्लिक में नहीं गए होंगे. उनकी नजर में स्थिति इतनी ज्यादा असामान्य होगी तभी उन्होंने ये रास्ता चुना होगा.